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पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा पेशेवर एवं संगठित रूप से अपराधों की रोकथाम हेतु निर्देश

अवैध रूप से दुधारू पशुओं तथा गोवंश की वध के लिये तस्करी एवं अवैध रूप से संचालित पशु वधशालाओं (बूचड़खानों) की रोकथाम एवं महिलाओं/बालिकाओं की सुरक्षा के निर्देश
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 श्री जावीद अहमद द्वारा समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपद, समस्त जोनल पुलिस महानिरीक्षक, समस्त परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षकों को निर्देश दिये गये है कि प्रदेश के विभिन्न भागों में पेशेवर एवं संगठित रूप से अवैध खनन, अवैध लकड़ी कटान, अवैध पशु-तस्करी, शराब-तस्करी, अवैध बस संचालन एवं अन्य प्रकार के घोर आपत्तिजनक अपराधों पर अंकुश लगाया जायें।

पुलिस महानिदेशक द्वारा भेजे गये परिपत्र में कहा गया कि उक्त सभी प्रकार के पेशेवर एवं संगठित अपराधियों के विरूद्ध कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु पुलिस बल द्वारा पेशेवर/संगठित अपराधियों का चिन्हीकरण करते हुए उनके विरूद्ध साक्ष्य एकत्र कर उनकी गतिविधियों को पूर्ण विराम देने के लिये प्रभावी विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। ऐसा करते समय यह सुनिश्चित किया जाय कि जाति, धर्म अथवा लिंग के आधार पर किसी के साथ कोई भेदभाव न हो। उन्होंने कहा है कि जोनल पुलिस महानिरीक्षक अपने स्तर से इसकी समीक्षा प्रतिदिन करते हुये मुख्यालय को विवरण उपलब्ध कराया जाये।

2- सभी सार्वजनिक स्थलों जैसे – चैराहों, मार्केट्स, माॅल्स, पार्क एवं अन्य स्थान, जो सामान्य जन के प्रयोग हेतु हैं, उनको असामाजिक तत्वों से मुक्त कराया जाय। विशेषकर इन सार्वजनिक स्थानों को महिलाओं/बालिकाओं के लिए सुरक्षित किया जाना सर्वाेच्च प्राथमिकता का विषय है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये विभिन्न जनपदों द्वारा Anti Romeo Squads बनाये गये हैं। वह यह सुनिश्चित करेंगे कि इन Squads में उपलब्धता के अनुसार अधिक से अधिक संख्या में महिला कांस्टेबल की ड्यूटी सादे कपड़ों में लगायी जाय जो कि सही सूचना दे सकें कि किन स्थानों पर और किन शोहदों द्वारा आपत्तिजनक हरकतें की जा रही हैं ? ऐसे चिन्हित शोहदों के विरूद्ध विधि के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि कार्यवाही करते समय बाल कटवा देने, कालिख पुतवा देने, मुर्गा बना देने जैसी कार्यवाही न की जाय जिसका कोई विधिक आधार नहीं है। अगर कोई व्यक्ति बार-बार लड़कियों से छेड़-छाड़ जैसी हरकतें करता है, तो उसको सामाजिक रूप से लज्जित करने के लिये कार्यवाही करने पर विचार किया जा सकता है। इस बात को भी स्पष्ट करना आवश्यक है कि Anti Romeo Squads केवल ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कार्य करेगा, जो राह चलते बालिकाओं/महिलाओं को किसी भी प्रकार से परेशान करते हैं और किसी भी दशा में ऐसे जोड़ों या व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं करेगा, जो सामाजिक परंपराओं के दायरे में रहते हुये आपस में पार्क/माॅल/काफी हाउस/सिनेमाघर इत्यादि में मिल-जुल रहे हों ।

3- थानों पर आने वाले शिकायत-कर्ताओं के साथ सही व्यवहार एवं उनकी शिकायतों पर त्वरित विधिक कार्यवाही करायी जाय। प्रत्येक थाना प्रभारी का यह उत्तरदायित्व होगा कि वह अपने थानों और अधीनस्थ चैकियों में यह सुनिश्चित करें कि थानों/चैकियों पर आने वाले हर शिकायतकर्ता के साथ बिना किसी भेदभाव के उचित व्यवहार करते हुये उसकी शिकायत पर कार्यवाही की जाय। किसी भी दशा में लिंग, जाति, धर्म अथवा पहुंच इत्यादि के आधार पर भेदभाव अक्षम्य होगा। इसी प्रकार थानों पर दलालों का आना-जाना या उन्हें शरण देना किसी भी दशा क्षम्य नहीं होगा और इसका सीधा उत्तरदायित्व थाना प्रभारी और सर्किल के क्षेत्राधिकारी का होगा।

4- पशु तस्करी, गोवध के प्रर्ति Zero Tolerance की नीति अपनायी जाय। किसी भी दशा में ऐसे कार्यों में लिप्त व्यक्तियों को अपने मंसूबों में सफल न होने दिया जाय ।

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