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पुलिस लाईन मे आयोजित रैतिक परेड़ के अवसर पर उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा प्रकाशित पत्रिका का विमोचन करते हुएः राज्यपाल डाॅ कृष्ण कांत पाल एवं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

पुलिस लाईन मे आयोजित रैतिक परेड़ के अवसर पर उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा प्रकाशित पत्रिका का विमोचन करते हुएः राज्यपाल डाॅ कृष्ण कांत पाल एवं सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्तराखंड

देहरादून: राज्य स्थापना दिवस पर राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने पुलिस लाईन में आयोजित रैतिक परेड़ की सलामी ली। राज्यपाल ने सराहनीय कार्य करने पर पुलिस अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक व पुलिस पदक से सम्मानित किया। राज्यपाल डाॅ. के.के.पाल व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा प्रकाशित पत्रिका का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने राज्य निर्माण के सभी ज्ञात-अज्ञात, अमर शहीदों व आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए राज्यवासियों को राज्य स्थापना के 17 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। राज्य स्थापना दिवस पर शानदार परेड़ के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि शांति व कानून व्यवस्था, प्रत्येक सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। प्रदेश का विकास मूलरूप से वहां की कानून व्यवस्था पर निर्भर करता है। इसमें पुलिस की अहम भूमिका होती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में भी राज्य की कानून व शान्ति व्यवस्था को बनाये रखने के अपने वायदे को निभाते हुए पुलिस, राज्य के समग्र विकास में सबसे मजबूत कड़ी के रूप में भी अपनी भूमिका निभाती रहेगी। उत्तराखण्ड में दूसरे राज्यों की तुलना में अपराध बहुत कम हैं। इसके लिए राज्य के शांतिप्रिय व सरल हृद्य नागरिक बधाई के पात्र हैं।
राज्यपाल ने कहा कि विगत 17 वर्षों में उत्तराखण्ड ने अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। बार-बार प्राकृतिक आपदाओं के बावजूद उत्तराखण्ड वासियों की दृढ़ संकल्प शक्ति से राज्य ने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। आज उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो चुका है। इन वर्षों में हमने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, तो बहुत सी चुनौतियां भी हैं। जीडीपी व प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि का लाभ गरीबों, वंचितों, किसानों तक पहुंचाना है। सच्चे मायनों में विकास के लिए शहर-गांव, उद्योग-खेती के बीच के गैप को दूर करना होगा। इस दिशा में सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण पहलें की हैं। पहाड़ के गांवों को आर्थिक दृष्टि से उन्नत बनाने के लिए समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नए भारत के निर्माण के लिए मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजीटल इंडिया, स्वच्छ भारत व नमामि गंगा के माध्यम से जन-अभियान प्रारम्भ किया है। खुशी की बात है कि नए प्रगतिशील भारत में उत्तराखण्ड बढ़-चढ़कर अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है। वर्ष 2019 तक पूर्ण साक्षरता, वर्ष 2022 तक सबको आवास व किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य पूरा करने में, उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में रहेगा। डिजीटल उत्तराखण्ड के तहत ई-गर्वनेंस के लिए देवभूमि जनसेवा व ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली का भी पूर्ण कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। सभी पी.डी.एस. की दुकानों पर कैश लैस भुगतान के लिए पी.ओ.एस. मशीन स्थापित की जा रही हैं।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान देश-दुनिया में देवभूमि के रूप में है। हमें इस पहचान को बनाए रखना है। महत्वाकांक्षी नमामि गंगे अभियान की सफलता उत्तराखण्ड की सक्रिय भूमिका के बिना सोची भी नहीं जा सकती है। राज्य में स्वच्छता अभियान की पहल को भारत सरकार द्वारा बेस्ट प्रेक्टीसेज का दर्जा दिया गया है। राज्य सरकार ने मार्च 2018 तक सभी नगर क्षेत्रों को भी ओ.डी.एफ. बनाने का लक्ष्य रखा है। हम सभी को सभ्य नागरिक की जिम्मेवारी को समझते हुए इसमें भागीदारी निभानी होगी।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में हमारे सामने बड़ी चुनौती, दुर्गम व दूर-दराज के इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विकास करना है। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य व पर्वतीय खेती पर फोकस करना होगा। राज्य सरकार गम्भीरता से इस दिशा में काम कर रही है। पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए ग्रामीण विकास व पलायन आयोग का गठन करते हुए इसका मुख्यालय पौड़ी में स्थापित किया गया है। नीतिगत निर्णय लेते हुए मैदानी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में डाॅक्टर पर्वतीय क्षेत्रों में नियुक्त किए गए हैं। किफायती दाम पर दवा उपलब्घ करवाने के लिए 100 जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं। टेली-मेडिसिन व टेली-रेडियोलाॅजी का प्रयास किया जा रहा है। नए चिकित्सकों की नियुक्ति करने के लिए भी हर सम्भव कोशिश की जा रही है। शिशु तथा मातृत्व मृत्युदर को न्यूनतम करने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी हो, जो छात्रों को प्रेक्टीकल नोलेज दे और उनमें स्किल डेवलपमेंट करे। विश्वविद्यालयों में ज्ञान के सृजन के लिए उच्च स्तरीय व मौलिक रिसर्च को प्रोत्साहित करना होगा। हमें विशेष प्रयास करना होगा ताकि हमारे शिक्षण संस्थान, क्वालिटी एजुकेशन व स्पोर्ट्स के सेंटर बन सकें। परंतु सबसे पहले स्कूली स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए अत्यधिक प्रयास की आवश्यकता है। अगर स्कूल में बुनियाद पक्की बन रही है तो बच्चे आगे भी कामयाब रहेंगे।
राज्यपाल ने उत्तराखण्ड के युवाओं को प्रतिभावान बताते हुए उनसे राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन, डिजीटल इंडिया, स्किल डेवलेपमेंट, स्टार्ट अप व मेक इन इंडिया कार्यक्रमों से जुड़कर देश के विकास में अपने सामथ्र्य व प्रतिभा का उपयोग करने का आह्वान किया। उत्तराखण्ड देवभूमि होने के साथ ही वीर भूमि भी है। प्रत्येक विश्वविद्यालय में अमर शहीदों को समर्पित ‘Wall of Valour’ बनाई गई हैं ताकि हमारे युवाओं को पे्ररणा मिले।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा चारधाम आॅल वेदर रोड़ का शिलान्यास करने के बाद से काम में तेज़ी आयी है व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर काम प्रारम्भ होने जा रहा है। चार धाम रेल सम्पर्क योजना से न केवल उत्तराखण्डवासियों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी बल्कि पर्यटन में भी क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। महामहिम राष्ट्रपति जी व प्रधानमंत्री जी के श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम आगमन से दुनिया में सुरक्षित उत्तराखण्ड का सकारात्मक संदेश गया । परिणामस्वरूप इस वर्ष रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु चार धाम व श्री हेमकुण्ड साहिब यात्रा पर आए। प्रधानमंत्री जी की 20 अक्टूबर को केदारनाथ धाम में की गई घोषणाओं का भी बहुत सकारात्मक प्रभाव हो रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व सम्मानित जीवन जीने का अधिकार होता है। इन्हीं अधिकारों के सपनों को लेकर अलग उत्तराखण्ड राज्य के लिए संघर्ष किया गया था। अगर हम सभी ईमानदारी से कोशिश करें तो अवश्य ही एक ऐसा उत्तराखण्ड बनाने में सफल होंगे जहां सभी की बुनियादी जरूरतें पूरी होंगी, सभी को आगे बढ़ने के तमाम अवसर और साधन उपलब्ध होंगे।
            मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को नमन् करते हुए प्रदेशवासियों को स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शुचिता, पारदर्शिता व श्रेष्ठता के आधार पर कार्य कर रही है। राज्य के हित में अनेक पहले की गई है जिनका आने वाले समय में अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा। बेहतरीन परेड के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने में उत्तराखण्ड पुलिस अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य के सभी अधिकारी व कर्मचारी राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्वता के साथ काम करेंगे।
कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा पुलिस महानिरीक्षक(सेवानिवृत्त) श्री गोपालनाथ गोस्वामी, पुलिस उपाधीक्षक( सेवानिवृत्त ) श्री जगदीश चन्द्र आर्य, पुलिस उपाधीक्षक श्री हीरा सिंह रौथाण एवं पुलिस उपाधीक्षक( सेवानिवृत्त) श्री रमेश चन्द्र जोशी को राष्ट्रपति का पुलिस पदक और पुलिस अधीक्षक( सेवानिवृत्त) श्री विजय सिंह कार्की, पुलिस उपाधीक्षक( सेवानिवृत्त) श्री प्रताप सिंह पांगती, पुलिस उपाधीक्षक( सेवानिवृत्त) श्री भुवन चन्द्र पाण्डे, पुलिस उपाधीक्षक( सेवानिवृत्त) श्री राजेन्द्र सिंह हयांकी, रेडियो निरीक्षक( सेवानिवृत्त) श्री ईश्वरी लाल टम्टा, पी.सी.वी.श्रे. चालक श्री जीत सिंह, हे.का. वि.श्रे. चालक श्री गणेश राम, जनपद पौडी( सेवानिवृत्त) श्री बचन सिंह राणा, निरीक्षक ना.पु.( सेवानिवृत्त) श्री गणेश प्रसाद बौठियाल, पी.सी.वि.श्रे.( सेवानिवृत्त) श्री केशी प्रसाद, अपर राज्य रेडियो अधिकारी श्री गिरजा शंकर पाण्डे, निरी.अभि.(सेवानिवृत्त) श्री हीरामणि ध्यानी, निरी.आरमोरर(सेवानिवृत्त) श्री उपेन्द्र दत्त, उ.नि. एमटी( सेवानिवृत्त) श्री चन्द्र दत्त जोशी, उ.नि.वि.श्रे.(सेवानिवृत्त) श्री हरराज सिंह, पुलिस उपाधीक्षक( सेवानिवृत्त) श्री देवेन्द्र सिंह रावत, पुलिस उपाधीक्षक(सेवानिवृत्त) श्री भूपाल सिंह रावत, उ.नि.एमटी( सेवानिवृत्त) श्री केशवराम टम्टा, पी.सी.वि.श्रे.(सेवानिवृत्त) श्री नारायण दत्त एवं उ.नि.स.पु.( सेवानिवृत्त) श्री देवेन्द्र लाल को पुलिस पदक से अलंकृत किया गया।
रैतिक परेड़ की प्रथम कमाण्ड वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती निवेदिता कुकरेती, द्वितीय कमाण्ड सहायक पुलिस अधीक्षक श्री लाकेश्वर कुमार द्वारा की गई। जबकि पुलिस उपाधीक्षक श्री अभय सिंह परेड़ एडजुटेन्ट थे।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल, खेल मंत्री श्री अरविंद पाण्डे, उच्च शिक्षा मंत्री श्री धन सिंह रावत, महिला कल्याण मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, सांसद श्रीमती माला राजलक्ष्मी  शाह, मेयर श्री विनोद चमोली, विधायकगण, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अन्य अधिकारी व गणमान्य उपस्थित थे।

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