नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय द्वारा पेश किया गया पूर्वोत्तर उद्यम कोष अधिक से अधिक संख्या में युवा स्टार्ट-अप को आकर्षित कर रहा है और इसने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अवसर देख रहे उद्यमियों के बीच भारी उत्साह पैदा किया है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद यह जानकारी देते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मंत्रालय के पास रोजाना सैकड़ों लोग पूछताछ कर रहे हैं और 60 से अधिक प्रस्ताव विचार के लिए पाइप लाइन में है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर उद्यम कोष पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए पहली समर्पित उद्यम पूंजी और पहल है, जिसे अप्रैल में शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का ‘’स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया’’ एक अतुल्य कार्यक्रम है, जिसमें अभूतपूर्व प्रावधान और प्रोत्साहन जैसे शुरूआती चरण में टैक्स हॉलीडे और तीन महीने की निकासी अवधि शामिल है। इसके अलावा मंत्रालय किसी भी ऐसे युवा को आरंभिक उद्यम पूंजी प्रदान करने का अतिरिक्त लाभ देने की पेशकश कर रहा है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्यम स्थापित करना चाहते हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर उद्यम कोष की स्थापना पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम लिमिटेड द्वारा की गई है, जिसे क्षेत्र में प्रमुख रूप से उद्यम को प्रोत्साहित करने का अधिकार है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पिछले वर्ष की शिलांग यात्रा की चर्चा करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि युवा स्टार्ट अप के लिए भारी संभावना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यदि स्टार्ट अप उद्यम समर्थित उद्यम कोष का विचार तेजी पकड़ता है जब पूर्वोत्तर युवा उद्यमियों और स्टार्ट अप के लिए न केवल पूर्वोत्तर क्षेत्र का बल्कि पूरे भारत का लोकप्रिय स्थल बन जाएगा।
बैठक के दौरान मंत्रालय में सचिव श्री नवीन वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।