नई दिल्ली: केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) द्वारा विकसित निधि एवं सुधार ट्रैकर की शुरुआत की।
इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री श्री जावड़ेकर ने कहा, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है निधि एवं सुधार ट्रैकर रूसा परियोजना की निगरानी करेगा। इसके जरिए किसी भी परियोजना मंज़ूर होने से लेकर सफलतापूर्वक सम्पन्न होने तक सभी चरणों की निगरानी की जाएगी। वहीं दूसरी ओर, सुधार ट्रैकर राज्यों की उच्च शिक्षा नीतियों, योजनाओं एवं सर्वोत्तम प्रथाओं के विवरण का रिपोर्ट कार्ड होगा।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जितना अधिक रोमांचक एवं प्रभावशाली समय आज है, उतना रोमांचक समय पहले कभी नहीं रहा। उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस एप का उद्देश्य क्लासरूमों की पुनः कल्पना करना, समय और तकनीक के साथ आगे बढ़ना और शिक्षा के क्षेत्र में सभी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए जारी बातचीत में सभी हितधारकों को शामिल करना, और उनके सकारात्मक एवं प्रभावी सुझावों को अत्यधिक महत्व देना है।
उन्होंने कहा कि यह सुविधा देशभर में फैले हज़ारों विक्रेताओं के अलावा, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार के उच्च शिक्षा हितधारकों और अन्य सांस्थानिक व्यक्तियों के लिए उपलब्ध रहेगा। प्रत्येक हितधारक की भूमिका और कार्यक्षमता के आधार पर उन्हें एप का इस्तेमाल करने के लिए सीमित/असीमित अधिकार दिए जाएंगे।
यह परियोजना अनुमोदन बोर्ड के आधार पर आवंटित निधि, केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा किश्त के आधार पर जारी निधि, संस्थानों के आधार पर मुख्य परियोजनाओं, नियुक्त विक्रेता एवं उनको किया गया भुगतान, राज्यों के अनुसार किए गए भुगतान एवं इनके संबंध में प्राप्त किसी भी प्रकार की टिप्पणी आदि की जानकारी को अपने अंदर सहेजकर रखेगा।
घटक (कम्पोनेंट) के अनुरूप विवरण, रूसा परियोजना में की जाने वाली निधि का व्यापक चित्र हमारे सामने पेश करता है। चाहे यह इक्विटी पहल के बुनियादी ढांचे का अनुदान हो, यह एप हमें अनुमोदित निधि, जारी राशि, उपयोग की गई राशि पूरे किए गए काम का प्रतिशत आदि की जानकारी उपलब्ध कराता है।
हितधारक केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा जारी धन के बारे में बारीकी से पूर्ण विवरण प्राप्त कर सकता है। समय बताने वाली मुहर किसी भी परियोजना के कार्य एवं उसकी प्रगति के बारे में जानकारी देते हैं, इससे किसी भी परियोजना की ज़मीनी हकीकत का चित्र हमारे सामने प्रदर्शित होता है।
ट्रैकिंग प्रणाली इस एप की आत्मा है, और प्रत्येक पहल को एक अलग पहचान संख्या (आईडी नंबर) दिया गया है। इससे इस बारे में पूरी जानकारी मिलती है कि किस प्रकार कोई विचार पैदा हुआ और किन-किन चरणों से होते हुए उसका पूर्ण विकास हुआ।
इस एप का प्रभावशाली एवं दमदार डैशबोर्ड योजना की व्यापक तस्वीर और राज्यवार कार्यक्रम के अंतर्गत हुए प्रभाव के प्रदर्शन को दिखाता है।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि रूसा है राज्य विश्वविद्यालयों में संसाधनों को बढ़ाने में मदद करेगा। दो वर्ष पुराने रूसा ने राज्य संस्थानों में भारत के छात्रों की 94 फीसदी आबादी को अपने प्रभाव में लिया है और हज़ारों प्रशिक्षण संस्थानों एवं परिसरों में अपने महत्व को साबित किया है। चूंकि, भारत के युवा उच्च गुणवत्ता आधारित शिक्षा एवं व्यापक कैम्पस अनुभव की मांग करते हैं, ऐसे में यह ज़रूरी है कि राज्य आपस में एक-दूसरे राज्यों में जारी सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाएं।
इसलिए, यह ज़रूरी है कि रूसा अपनी पहुंच को बढ़ाए और तीव्र गति से उसमें विस्तार करे। मंत्री ने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जिस डिजिटल इंडिया के बारे में बात करते हैं, यह एप इस डिजिटल इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा तकनीक के स्तर पर की गई यह पहल सुशासन की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगी।
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