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प्रदेश के आकांक्षत्मक जनपदों के रूपान्तरण के सम्बन्ध में आयोजित बैठक के अवसर पर सीएम योगी आदित्यानाथ

उत्तर प्रदेश

लखनऊमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने नीति आयोग द्वारा देश में चिन्हित 115 आकांक्षात्मक जनपदों में से उत्तर प्रदेश के चिन्हित 08 जनपदों के रूपान्तरण (ज्तंदेवितउंजपवद व ि।ेचपतंजपवदंस क्पेजतपबजेद्ध के संदर्भ में क्पेजतपबज ।बजपवद च्संद पर आहूत बैठक में इस बात पर बल दिया कि प्रधानमंत्री जी की भावना के अनुरूप प्रारम्भ की गई इस विशिष्ट पहल पर विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं के माध्यम से इन जनपदों के रूपान्तरण के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए। ज्ञातव्य है कि प्रदेश के बलरामपुर, बहराईच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चन्दौली, फतेहपुर तथा चित्रकूट जनपद इस योजना में शामिल किये गये हैं।

आज यहां योजना भवन में आयोजित बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी ने भारत सरकार के केन्द्रीय प्रभारी अधिकारियों को इस सम्बन्ध में एक्शन प्लान तैयार किये जाने और इसके क्रियान्वयन में निरन्तर सहयोग एवं मार्गदर्शन दिये जाने हेतु आश्वस्त किया। उन्होंने यह भी अपेक्षा की कि केन्द्रीय प्रभारी अधिकारियों द्वारा जब भी जनपदों का भ्रमण किया जाये, उसकी सूचना राज्य द्वारा नामित जनपदीय नोडल अधिकारियों को अवश्य दी जाये ताकि समन्वित प्रयास से विकास को दिशा मिल सके। केन्द्रीय प्रभारी अधिकारियों से यह भी अनुरोध किया गया कि जनपद भ्रमण की अपनी रिपोर्ट राज्य को भी उपलब्ध करा दी जाये।

योगी जी द्वारा जनपदों के लिए नामित राज्य के नोडल अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि उनके द्वारा जनपदों का प्रत्येक माह भ्रमण कर तहसील/ब्लाॅक/थाना स्तर पर इसकी गहन समीक्षा की जाए और इस स्तर पर रात्रि विश्राम कर वे जनमानस की समस्याओं से रूबरू भी हों। उन्होंने ये भी निर्देश दिये कि नोडल अधिकारी अपनी रिपोर्ट अनिवार्य रूप से शासन को भेजें, ताकि बेहतर सुविधायें जनमानस को उपलब्ध करायी जा सकें।

मुख्यमंत्री जी ने बैठक में स्पष्ट किया कि जनपद स्तर पर विकास कार्यक्रमों हेतु राज्य योजनाओं एवं केन्द्र पोषित योजनाओं के माध्यम से पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। अतः इनका अनुकूलतम उपयोग सुनिश्चित कराते हुए विकास कार्यों को गति प्रदान की जाए। इसके साथ ही जनपदों में अच्छी ख्याति के सुयोग्य अधिकारियों की तैनाती की जाए, जो उत्साहपूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करें। इन जनपदों में रिक्त पदों को भी प्राथमिकता से भरा जाए।

योगी जी ने निर्देश दिये कि अधिकारियों द्वारा मुख्य सचिव के मार्गदर्शन में इन जनपदों के सर्वागीण विकास हेतु ठोस कार्य योजना बनायी जाये, जिसे लागू करने के लिये राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान किया जायेगा। वे स्वयं भी आवश्यकतानुसार इन 08 जनपदों का आकस्मिक भ्रमण करेंगे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आम जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से कराना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मियों की नियमानुसार जांच कराकर उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर जेल भेजा जाये। उन्होंने कहा प्रदेश की जनता को स्वच्छ एवं पारदर्शी प्रशासन प्रत्येक दशा में देना अनिवार्य है। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि तैनाती स्थल पर अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक निर्धारित अवधि के उपरान्त उनकी च्वाइस के अनुसार तैनाती दी जाय।

योगी जी ने कहा कि प्रदेश के फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, गोण्डा तथा बहराइच में मेडिकल काॅलेज खोलने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हंै। उन्होंने कहा कि आगामी 01 अप्रैल से 30 अप्रैल तक प्रदेश में स्कूल चलो अभियान चलाकर शत-प्रतिशत बच्चों को विद्यालयों में पढ़ने हेतु भेजा जायेगा। अभियान के तहत स्वास्थ्य सेवाओं सहित अन्य सेवाओं को भी जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध कराया जायेगा। निर्धारित अभियान के दौरान प्रदेश के चिन्हित 08 पिछड़े जनपदों में विशेष अभियान चलाकर योजनांतर्गत लाभार्थियों को लाभान्वित कराया जाये।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार द्वारा इस बात पर बल दिया गया कि इस योजना के सन्दर्भ में इन चयनित 08 जनपदों में अगे्रत्तर कार्यवाही की जानी है। इन सभी-जनपदों का यह दायित्व है कि अपने-अपने जनपद के त्वरित विकास हेतु लक्ष्यों के निर्धारण एवं उन्हें प्राप्त किये जाने की रणनीति के आलोक में तैयार किए गए ‘डिस्ट्रिक्ट ऐक्शन प्लान‘ का त्वरित गति से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें, जिससे कि मानव विकास से सम्बन्धित संकेतकों में परिवर्तन के साथ-साथ जनपदों की रैंकिंग में भी सुधार हो सके। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सभी अधिकारियों द्वारा इन जनपदों के त्वरित विकास हेतु संचालित कार्यक्रमों एवं योजनाओं का क्रियान्वयन गम्भीरता से किया जाए और इसकी नियमित समीक्षा भी गहनता से की जाए।

इससे पूर्व, बैठक का प्रारम्भ करते हुए नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री संजीव सरन द्वारा अवगत कराया गया कि प्रधानमंत्री जी द्वारा ‘‘नया भारत 2022‘‘ के सन्दर्भ में किये गए आह्वाहन कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तीव्र गति से विकास हो रहा है, परन्तु अभी भी कुछ क्षेत्र ऐसे है, जो पूर्णरूप से विकसित नहीं हो पाए हैं, ऐसे क्षेत्रों का विकास एक चुनौती है। अतः देश के संतुलित एवं समावेशी विकास के लिए ऐसे क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास के स्तर को बढ़ाये जाने की तुरन्त आवश्यकता है, इससे राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मानव विकास सूचकांकों में भी सुधार होगा।

इसके दृष्टिगत नीति आयोग द्वारा मानव विकास से सम्बंधित क्षेत्रों-चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, कृषि एवं संवर्गीय क्षेत्र एवं आधारभूत अवस्थापना क्षेत्रों के चयनित संकेतकों को भार ;ूमपहीजंहमद्ध देते हुए संयुक्त सूचकांक ;बवउचवेपजम पदकमगद्ध के आधार पर पूरे देश में 115 आकांक्षात्मक जनपदों (।ेचपतंजपवदंस क्पेजतपबजेद्ध का चिन्हांकन करते हुए इन जनपदों के त्वरित विकास हेतु उनकी विशिष्ट विकासात्मक आवश्यकताओं के दृष्टिगत एक विशेष पहल की गई है।

बैठक के दौरान प्रत्येक जनपद द्वारा तैयार किये गये डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान के सम्बंध में प्रस्तुतीकरण किया गया। भारत सरकार के प्रभारी अधिकारियों ने इस बात पर बल दिया कि मानव संसाधन, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ कराये जाने के सम्बंध में और अधिक प्रयास किये जायें। साथ ही, यह भी सुझाव दिया गया कि कृषि विविधिकरण, गुणवत्तायुक्त पेयजल आपूर्ति, अवस्थापना सुविधाओं में सुधार लाये जाने की आवश्यकता है।

बैठक में नीति आयोग द्वारा नामित केन्द्रीय प्रभारी अधिकारियों – श्री संजीव कुमार अपर सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, श्री मनोज कुमार, अपर सचिव आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय, श्रीमती लीना नन्दन अपर सचिव एवं वित्त सलाहकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, श्री बाबू लाल मीना संयुक्त सचिव सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय, सुश्री अर्चना अग्रवाल संयुक्त सचिव ऊर्जा मंत्रालय, श्री नवदीप रिनवा संयुक्त सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा श्री राजीव अग्रवाल संयुक्त सचिव औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग सहित जनपदों हेतु नामित राज्य सरकार के नोडल अधिकारियों, कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के सदस्यगण तथा चयनित 08 जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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