नई दिल्लीः प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 100 से अधिक लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से उनके आवास पर भेंट की। श्री नरेन्द्र मोदी से अनौपचारिक मुलाकात के दौरान कई लाभार्थियों ने बताया कि मुद्रा ऋण से उनका जीवन किस प्रकार बेहतर हुआ है।
बोकारो, झारखंड की लाभार्थी, सुश्री किरण कुमारी को 2 लाख रूपये का ऋण मिला था। उन्होंने बताया कि इस ऋण के माध्यम से उन्होंने अपनी खिलौने और उपहार दुकान की शुरूआत की। इसके पहले वे और उनके पति फेरी लगाकर खिलौने बेचते थे। यही उनकी आजीविका का साधन था। ऋण मिलने के पश्चात वे एक सफल उद्यमी बनने में सक्षम हो गई हैं।
सूरत की सुश्री मुनिराबानू शब्बीर हुसैन मलेक को 1.77 लाख रुपये का मुद्रा ऋण प्राप्त हुआ था। उन्होंने बताया कि उन्होंने हल्के वाहन का ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किया। ऑटोरिक्शा चलाकर वे अब प्रति महीने 25 हजार रुपये कमा रही हैं।
केरल के श्री सीजेश ने 8 वर्षों तक विदेश में काम किया। भारत वापस आने पर वे एक दवा इकाई में विक्रय अधिकारी के रूप में कार्य करने लगे। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि 8.55 लाख रुपये के मुद्रा ऋण की सहायता से उन्होंने एक हर्बल दंत मंजन उत्पादन करने की इकाई स्थापित की। उन्होंने प्रधानमंत्री को हर्बल दंत मंजन के कुछ सैंपल भेंट स्वरूप दिए।
तेलंगाना के श्री सलेहुनदुम गिरिधर राव ने प्रधानमंत्री से अपनी उद्यमिता की कहानी साझा की। उन्हें 9.10 लाख रुपये का ऋण मिला था। ऋण की मदद से उन्होंने अपने डाईकास्टिंग तथा मोल्डिंग के व्यवसाय को आगे बढ़ाया।
जम्मू व कश्मीर के कठुआ जिले की सुश्री वीना देवी बुनकर का कार्य करती हैं। उन्हें 1 लाख रुपये का मुद्रा ऋण मिला। अब वे अपने क्षेत्र में पश्मीना शॉल की प्रमुख निर्माता हो गई हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को एक शॉल उपहार स्वरूप प्रदान किया।
देहरादून के श्री राजेन्द्र सिंह पूर्व सैन्य कर्मी हैं। उन्होंने झाडू बनाने और खुदरा विक्रेताओं (रिटेलर) को इनकी आपूर्ति करने के अपने व्यवसाय के बारे में प्रधानमंत्री को बताया। यह कारोबार वह 5 लाख रुपये के मुद्रा लोन के जरिए ही शुरू कर पाए हैं। वह न केवल अपना व्यवसाय सफलतापूर्वक स्थापित करने में सफल हो पाए हैं, बल्कि उन्होंने कुछ अन्य लोगों के लिए रोजगार भी सृजित किए हैं।
चेन्नई के श्री टी.आर. सजीवन ने 10 लाख रुपये का मुद्रा लोन लिया है। उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताया कि वह अब किस तरह से ढलाई कारखानों के लिए जॉब वर्क करते हैं।
जम्मू के श्री सतीश कुमार ने 5 लाख रुपये का मुद्रा लोन लिया है। वह इससे पहले बेरोजगार थे। अब उन्होंने इस्पात उत्पादों को बनाने एवं उनके व्यापार का व्यवसाय शुरू किया है। उन्होंने आज प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभवों को साझा किया।
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के श्री विप्लव सिंह एक दवा कंपनी में काम करते थे, लेकिन उनकी इच्छा स्वयं का कोई व्यवसाय शुरू करने की थी। 5 लाख रुपये के मुद्रा लोन की मदद से वह कीटनाशकों एवं उर्वरकों के व्यापार का अपना व्यवसाय शुरू करने में समर्थ हुए हैं और इसके साथ ही वह अब कई अन्य लोगों के लिए रोजगार सृजित करने में भी सक्षम हो गए हैं। उन्होंने आज प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभवों को साझा किया।
कई अन्य लाभार्थियों ने भी अपने-अपने अनुभव साझा किए।
प्रधानमंत्री ने उन उद्यमियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की, जिन्होंने मुद्रा ऋणों का बेहतरीन उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि अब तक 11 करोड़ लोग प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का एक लक्ष्य लोगों में आत्मविश्वास बढ़ाना भी है। उन्होंने कहा कि अब तक पारम्परिक सोच यही रही है कि रोजगार या तो पब्लिक सेक्टर (सार्वजनिक क्षेत्र) अथवा प्राइवेट सेक्टर (निजी क्षेत्र) में ही सृजित होता है। उन्होंने कहा कि इस योजना से आजीविका और स्व-रोजगार के एक साधन के रूप में ‘पर्सनल सेक्टर’ के विकास में मदद मिली है।
प्रधानमंत्री और लाभार्थियों के बीच अनौपारिक संवाद एक घंटे से भी ज्यादा समय तक जारी रहा। वित्त राज्य मंत्री श्री पी. राधाकृष्णन और श्री शिव प्रताप शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित थे।