नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में इंडोसैन-भारतीय स्वच्छता सम्मेलन में उद्घाटन वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि किसी को भी गंदगी या गंदगी वाला वातावरण पसंद नही होता, स्वच्छता की आदत विकसित होने में थोड़ा प्रयास करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों में स्वच्छता के प्रति चेतना बढ़ रही है। इससे यह प्रदर्शित होता है कि स्वच्छता अभियान लोगों को सकारात्मक रूप से पसंद आ रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए अब शहरों और नगरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित हो रही है।
मीडिया की सकारात्मक भूमि की सराहना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को अगर किसी ने मुझसे भी ज्यादा प्रोत्साहित किया है तो वह मीडिया है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सिर्फ बजटीय आबंटन से स्वच्छता प्राप्त नहीं की जा सकती। इसकी बजाय यह एक जन-आंदोलन बनना चाहिए। प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश राज से मुक्त होने के लिए महात्मा गांधी के सत्याग्रह को याद करते हुए कहा कि भारत को गंदगी से मुक्त करने के लिए स्वच्छागृह बनाना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि re-use और recycling हमारी बहुत पुरानी आदते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन आदतों को और अधिक प्रौद्योगिकी आधारित बनाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और उनमें से कुछ पुरस्कार विजेताओं को जन-भागीदारी के माध्यम से सफल होने के लिए विशेषरूप से सराहना की।