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प्रेस कलब में चकबन्दी पर कार्यशाला

प्रेस कलब में चकबन्दी पर कार्यशाला
उत्तराखंड

देहरादून: गरीब क्रािन्त अभियान उत्तरखण्ड द्वारा आज पै्रस क्लब सभागार में वर्ष 2012 से आयोजित किये जा रहे चकबन्दी दिवस के उपलक्ष्य में ‘‘उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र में कृषि एवं औद्यानिक विकास’’ पर कार्यक्रम किया गया इस अवसर पर चकबन्दी गीत ‘‘गरीब क्रान्ति अभियान हम चकबन्दी को लायेगें’’ का लोकापर्ण किया गया इस गीत के गायक है सुरेश काला,गीत कार नीरू भदूला बटोही निर्माता मोहिनी घ्यानी पटनी एवं संगीत दिया है सुनील पटनी ने । यह अपने आप में चकबन्दी से समृद्ध पहाड़ का संदेश दे रहा है।

कार्यक्रम मंे मुख्य अतिथि के रूप मंे बीज बचाओ बचाओ आन्दोलन के प्रणेता विजय जड़धाडी ने कहा कि हमें अपने गाँवों को समझना होगा और गाँव का विकास कृषि और पशुपालन की उन्नति से ही परिभाषित करेगा। उन्होंने कहा कि सरकारों की मंशा गाँवांे को खाली करना है न कि गाँव बसाना।

पूर्व महाप्रबन्धक नाबार्ड डाॅ बी0पी0 नोटियाल ने कहा कि हमंे चकबन्दी के लिये पर्वतीय क्षेत्र के हर ब्लाॅक मे े यु़द्व स्तर पर कार्य करवाने के लिये प्रधानों का इसमें सहयोग लिया जाना चाहिये। और ग्रामीण स्तर पर लोगों को स्वौच्छिक चकबन्दी के लिये आगे होना होगा।

समाजिक कार्यकर्ता द्वारिका सेमवाल ने कहा कि शहरों में रहकर हमें गाँवों को बाजार देना होगा और अपने उत्पादों का सम्मान करना होगा ताकि पहाड़ का किसान मजबूत हो सकें इस अवसर पर उन्होनें चकबन्दी की जोरदार पैरवी की।

उद्यानीकरण के क्षेत्र में कार्य करे निर्मल तोमर ने कहा कि यदि हमें पहाड़ो से पलायन रोकना है तो बागवनी की तरफ कार्य करना होगा जिससे कि हमारा युवा स्वाावलम्बी बन सके ।

समाजिक कार्यकर्ता रतन सिंह असवाल ने कहा कि हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों से नई पीढ़ी को जोड़ना होगा। कहा कि राज्य के नीति नियंताओं में पहाड़ को समृद्व बनाने की सोच नही है इन 16 वर्षो में जो विकास हुआ है वो सिर्फ राजनेताओं माफियाओं और ठेकेदारों का हुआ है उन्हानें ग्रास रूट में पर्यटन की दिशा में कार्य करने का सुझाव दिया कहा कि हमें ऐसा पर्यटन चाहिये जिससे कि एक छोटे से व्यापारी को भी रोजगार मिल सके।

गरीब क्रान्ति कि संयोजक कपिल डोभाल ने से कार्यक्रम का संचालन करत हुये कहा कि सरकार चकबन्दी को लागू करने के लिये जमीन पर कार्यवाही को तत्काल आरम्भ करें व पहाड़ के लिये अलग चकबन्दी मैनुअल बनाये। सरकार कुमायूं एवं गढ़वाल के दो-दो गांवों में चकबन्दी माडल बनाकर कार्य की शुरूआत करे। चकबन्दी लागू करने से पहले जनता में जागरूकता की पहल हों। प्रचार प्रसार के लिये गीत, नुक्कड नाटक व पुस्तिकाओं का सहारा लिया जायें ताकि आम व्यक्ति चकबन्दी को समझ सके। गांवों में वैज्ञानिक रूप से किसानी प्रशिक्षण के लिये पर्वतीय अंचल में ब्लाक स्तर पर किसान विद्यालय खोले जायें और इसकी पहली कड़ी में कलजीखाल विकासखण्ड में इसे बनाया जाय।

गरीब अभियान के कानूनी सलाहकार राजस्व के जानकार वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रमेश दत्त उनियाल में चकबन्दी के कानूनी पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किया उन्होने पहाड़ में बड़े स्तर पर हो रही कृषि भूमि की खरीद फरोक्त को रोका नही गया तो ये पर्वतीय क्षेत्रों के लिये घातक सिद्व होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी श्री कुवँर सिंह भण्डारी ने की उन्होने कहा कि सामाजिक स्तर पर जितनी ईमानदारी से चकबन्दी जनजागरण का कार्य हो रहा है यदि सरकारी स्तर पर भी इसी तरफ पहल की जाय तो वो दिन दूर नही होगा जब पहाड़ की आज सबसे बड़ी समस्या पलायन का हमें स्थाई रूप से समाधान मिल सकता है।

कार्यक्रम मे कल्याण सिंह रावत मैती,शंकर भाटिया,प्रदीप कुकरेती, स्वामी दर्शन भारती, नीता कुकरेती, तीरथ सिंह राही, अखिलेश बुड़कोटी नूतन पंत, विवेक नैथानी, मनीष भट्ट, रविन्द्र जुगरान,समर भण्डारी,, हरिशंकर नेगी चन्दन ंिसंह नेगी आदि उपस्थित थे।

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