फरवरी के महीने में ठंड आती जाती रहेगी, साथ ही बारिश के आसार भी बने रहेंगे। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर को बर्फबारी का साया मंडराया रहेगा। इस महीने दो और प्रभावशाली पश्चिमी विक्षोभ हिमालय क्षेत्र में बनने वाले हैं, पहला एक 15 फरवरी और उसके बाद दूसरे 23 फरवरी को।
इन विक्षोभ के चलते जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी और उत्तर-मध्य भारत में हल्की-फुल्की बारिश के आसार हैं। हालांकि बीच के दिनों में दिन के तापमान में वृद्धि भी होगी। यानी फरवरी में ठंड की आंख मिचौली जारी रहेगी।
मौसम एजेंसी स्काईवेदर के मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दोनों पश्चिमी विक्षोभ के चलते चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब में ओले गिरने की भी आशंका है, जिससे फसलें खराब हो सकती हैं।
निम्न दाब रेखा ने भीगो दी फरवरी
विज्ञानी पलावत ने बताया, पिछला जनवरी सूखा गुजरा था। देश में कहीं भी ज्यादा बारिश और ज्यादा बर्फबारी नहीं हुई। फरवरी की शुरुआत में उत्तर-पश्चिम राजस्थान से पाकिस्तान तक बनी निम्नदाब रेखा और बंगाल की खाड़ी में बने ऊपरी हवा के चक्रवात के चलते पूरे मध्य भारत में अच्छी खासी बारिश की मेहरबानी हो गई। चक्रवात के प्रभाव से पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ में इनके प्रभाव से बारिश जारी है।
मध्य प्रदेश, बिहार और पंजाब में ओले गिरने से फसल को भी नुकसान पहुंचा है। सामान्य रूप से फरवरी में मध्य भारत में ऐसा तीन-चार साल में एक बार ही होता है। हालांकि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फरवरी में बारिश सामान्य बात है।
अमेरिका और ब्रिटेन को छोड़कर दुनिया के बाकी हिस्सों में मौसम गर्म
फरवरी में अमेरिका, जापान और ब्रिटेन में कई बर्फीले तूफान आए हैं। पर इसके अलावा ज्यादा देशों में मौसम सामान्य से ज्यादा ही गर्म है। ज्ञात हो कि नासा ने हाल में आई रिपोर्ट में 2017 को सबसे गर्म तीन सालों में से एक करार दिया था और जनवरी, 2018 को भी रिकार्ड गर्म बताया गया है। नासा के मुताबिक समुद्र के तापमान के लिहाज से भी 2017 सबसे गर्म साल था। इस वैश्विक चलन में कोई बदलाव होता नजर नहीं आ रहा है। (With Amar Ujjala)