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बर्मा में मुसलमानों के नरसंहार के खिलाफ मजलिसे ओलमाए हिंद की तरफ से आसफि मस्जिद में जुमा की नमाज के बाद विरोध प्रर्दषन हुआ

बर्मा में मुसलमानों के नरसंहार के खिलाफ मजलिसे ओलमाए हिंद की तरफ से आसफि मस्जिद में जुमा की नमाज के बाद विरोध प्रर्दषन हुआ
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: बर्मा म्यांमार में मुसलमानों के नरसंहार और बर्मा सरकार की बर्बरता और आतंक के विरूध आज जुमे की नमाज के बाद आसफि मस्जिद में मजलिसे ओलमाए हिंद की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रर्दशकारियों ने बर्मा सरकार और सेना के अत्याचार एवं बर्बरता के खिलाफ नारे लगाए और सऊदी अरब के सहयोगी देशों के खिलाफ भी नारेबाजी की गयी जो बर्मा में मुसलमानों के नरसंहार और उन पर किए जा रहे अत्याचार पर चुप्पी साधे हुए है । प्रर्दशकारियों ने सऊदी सरकार, सऊदी गठबंधन, इजरायल एवं अमेरिकी आतंकवाद और बर्मा सरकार के जुल्म व आतंक के खिलाफ नारे बाजी की।

इमामे जुमा मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अपने विरोध संदेश में बर्मा सरकार के अत्याचार व आतंक की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आखिर बर्मा में मुसलमानों के नरसंहार और सैन्य आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संस्थायें कड़े कदम क्यों नहीं उठातीं।मौलाना ने कहा कि 34 मुस्लिम देशों का गठबंधन भी मुसलमानों के नरसंहार पर मूकदर्शक है,यदि यह गठबंधन मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार व हिंसा के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता तो इस गठबंधन का किया फायदा है। मौलाना ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि हमारा देश हमेशा मजलुमों का साथी रहा हे इस लिये हमारी सरकार को चाहिये के वह बर्मा में मुसलमानों के नरसंहार और सेना की बर्बरता के खिलाफ अपने अधिकारों का पूरा उपयोग करे और मुसलमानों के संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठायें जायें। मौलाना ने संयुक्त राष्ट्र से मांग करते हुये कहा कि बर्मा मंे मुसलमानों के नरसंहार को रोका जाए और उनकी जान-माल और इज्जत की रक्षा को सुनिश्चित बनाया जाये एवं बर्मा सरकार पर वैशविक अदालत में मुकदमा चलाना चाहिए।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मौलाना रजा हुसैन ने कहा कि बर्मा में मुसलमानों का अंधाधुंध कत्लेआम किया जा रहा है लेकिन दुनिया चुप है ,क्यिा मुसलमान की जान जान नहीं होती है, आखरि जब मुसलमानों पर अत्याचार होता है तब पुरी दुनिया मूकदर्शक क्यों बन जाती है। मौलाना ने कहा कि हम केवल मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार का विरोध नहीं करते बल्कि दुनिया में जहां भी अत्याचार हो रहा है चाहे वह किसी भी धर्म और जाति व जनजाति के व्यक्ति पर हो उस्की निंदा करते हैं, लेकिन दुनिया मुसलमानों के नरसंहार पर कियो चुप्पहै?

मौलाना इस्तफा रजा ने भी बर्मा में मुसलमानों के नरसंहार की निंदा की और कहा कि लाखों मुसलमान अब तक पलायन कर चुके हैं यह बहुत दुखद समाचार है अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय अभी भी नहीं जागा तो आतंकवाद की आग पूरी दुनिया में फैल जाएगी ।

मौलाना फिरोज हुसैन ने भी बर्मा में सरकार के संगठित आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि सऊदी सरकार और अन्य इस्लामी देश आखिर क्यों चुप हैं? आखिर उनका गठबंधन किस आधार पर स्थापित किया गया था?यदि वह मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार वे हिंसा की निंदा नहीं कर सकते तो उन्हें इस्लामी देश कहना भी गलत है।

बर्मा सरकार के आतंकवाद के खिलाफ आयोजित हुए इस विरोध प्रदर्शन में मौलाना फिरोज हुसैन, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना मंजर अब्बास शफई, मौलाना इस्तफा रजा, मौलाना मोहम्मद इसहाक और अन्य विद्वानों के साथ आसफि मस्जिद नमाजियों ने भाग लिया।

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