नई दिल्लीः रेल मंत्रालय ने यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से स्वर्ण परियोजना लॉच करने का निर्णय लिया है। डिब्बों की आंतरिक सजावट, शौचालय, डिब्बों की साफ – सफाई, कर्मचारियों का व्यवहार, खान – पान व्यवस्था, कम्बल व चादरें, समय की पाबंदी, सुरक्षा, यात्रा के दौरान मनोरंजन की सुविधा, त्वरित जानकारी सुविधा जैसे यात्री सुविधा के 9 आयाम इस स्वर्ण परियोजना में शामिल हैं। कुल 14 राजधानी तथा 15 शताब्दी रेलों में ये सुविधाएं दी जाएगीं। स्वर्ण मानक के आधार पर डिब्बों के उन्नयन के लिए भारतीय रेल ने प्रति रैक 50 लाख रूपये खर्च करने की स्वीकृती दी है।
1. राजधानी और शताब्दी रेलों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से स्वर्ण परियोजना लॉंच की गई है।
2. भोपाल वर्कशॉप में कुछ डिब्बों को महामना रेलों के लिए मॉडल रैक के रूप में विकसित किया जा रहा है। वर्तमान समय में तीन ऐसी रेलें चल रही हैं – नई दिल्ली से वाराणसी, भोपाल से खजुराहो और वडोदरा से वाराणसी।
यह प्रेस विज्ञप्ति रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहेन द्वारा लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी गई जानकारी पर आधारित है।