नई दिल्लीः केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा है कि भारत को वन्य जीवों के अवैध व्यापार की समस्या से निपटने में क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर अनुकरणीय कार्रवाई करने के लिए सराहना प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। डॉ. हर्ष वर्धन ने आज नई दिल्ली में कहा, “यह पुरस्कार वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) को कल जिनेवा, स्विट्जरलैंड में वन्य जीव-जन्तु और वनस्पति की लुप्त प्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संधि के महासचिव द्वारा प्रदान किया गया।”
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के अधीन डब्ल्यूसीसीबी को ‘कूर्म बचाव अभियान’ नामक प्रजाति विशिष्ट वन्य जीव अभियान चलाने और समन्वयन के लिए किये गए प्रयासों के वास्ते प्रदान किया गया। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि भारत जिनेवा में सीआईटीईएस की स्थाई समिति की 69वीं बैठक में सराहना प्रमाण पत्र पाने वाला एकमात्र देश है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूसीसीबी ने ‘कूर्म बचाव अभियान’ देश और गंतव्य स्थानों तक फैली जीवित कछुओं और उनके अंगों के अवैध व्यापार की समस्या से निपटने के लिए चलाया था। मंत्री महोदय ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य ऐसे अवैध कारोबार की ओर कार्यान्वयन एजेंसियों का ध्यान आकर्षित करना भी था।
डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि 15 दिसंबर, 2016 से 30 जनवरी, 2017 तक चलाए गए ‘कूर्म बचाव अभियान’ के दौरान लगभग 16000 जीवित कछुएं/कूर्म जब्त कर उन्हें जंगलों में छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि इस अवैध व्यापार में लिप्त 55 संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया गया।
डब्ल्यूसीसीबी ने पश्चिम बंगाल आपराधिक जांच विभाग, राज्य पुलिस और वन विभाग, उत्तर प्रदेश पुलिस का विशेष कार्यबल, कर्नाटक वन तथा पुलिस विभाग और महाराष्ट्र तथा राजस्थान वन विभागों सहित कानून लागू करने वाली क्षेत्रीय एजेंसियों के साथ मिल कर यह अभियान चलाया था।
डॉ. हर्ष वर्धन का संदेश जिनेवा में एसआईटीईएस की 69वीं स्थाई समिति के सभी प्रतिभागियों तक पहुंचाया गया। वर्तमान में इस संधि पर विश्व के 183 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं।