नई दिल्लीः सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत बिजली से चलने वाले वाहनों के उपयोग में बढ़त बनाने को तैयार है। वे यहां नीति आयोग के परिसर में ‘चार्जिंग दी ड्राइव’ आयोजन का उद्घाटन करने के बाद एक प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
श्री गडकरी ने कहा है कि नीति आयोग बिजली से चलने वाले वाहनों को प्रोत्साहन दे रहा है और यह एक ऐतिहासिक तथा क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि बिजली से चलने वाले वाहनों के इस्तेमाल से कच्चे तेल के आयात में कमी होगी और प्रदूषण को बड़े पैमाने पर कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘आज का प्रयास अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, आयात का विकल्प देगा, प्रदूषण कम होगा और रोजगार बढ़ेगा।’
मंत्री महोदय ने सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में होने वाली प्रगति को बिजली से चलने वाले वाहनों की क्षमता से जोड़ते हुए उद्योग जगत से आग्रह किया कि वे ‘मेक इन इंडिया’ के हवाले से इस दिशा में काम करें। उन्होंने जन यातायात में बिजली के वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन दिया और कहा कि जल्द धोलाकुंआ, दिल्ली से मानेसर के बीच 70 किलोमीटर लंबी इलेक्ट्रिक रोपवे प्रणाली बनाई जाएगी।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने इस अवसर पर घोषणा की कि नीति आयोग अगले 4 महीनों के दौरान अपने वाहन-बेड़े को बिजली से चलने वाले वाहनों में बदलेगा। उन्होंने कहा कि हम दो पहिया, तीन पहिया और बसों को शामिल करते हुए हर तरह के वाहनों को बिजली से चलने वाले वाहनों में बदलेंगे। उन्होंने कहा कि सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय, बिजली मंत्रालय और भारी उद्योग विभाग मिलकर प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया दृष्टिकोण के अनुपालन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देंगे।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के सारस्वत ने कहा कि वाहनों में वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल के जरिये ग्रीन हाउस उत्सर्जन में कमी लाई जा सकती है। नीति आयोग में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के महानिदेशक, डीएमईओ और सलाहकार श्री अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में भारत ने बहुत प्रगति की है।