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मंत्रिमंडल ने राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1 की हल्दिया-वाराणसी लंबाई पर नौवहन बढाने के लिए जल मार्ग विकास परियोजना को मंजूरी दी

देश-विदेश

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने अपनी बैठक में राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1 पर नौवहन क्षमता मजबूत करने के लिए जलमार्ग विकास परियोजना के क्रियान्‍वयन को स्‍वीकृति दे दी है। 5369.18 करोड रूपए लागत की यह परियोजना विश्‍व बैंक की तकनीकी सहायता और निवेश समर्थन से लागू की जाएगी। मार्च 2023 तक परियोजना पूरी हो जाने की आशा है।

प्रमुख प्रभाव:

  • पर्यावरण अनुकूल और लागत प्रभावी परिवहन की वैकल्पिक सुविधा। इस परियोजना से देश में लॉजिस्टिक लागत कम करने में मदद मिलेगी।
  • मल्‍टी-मॉडल और इंटर-मॉडल टर्मिनलों, रोल ऑन- रोल ऑफ (आरओ-आरओ) सुविधाएं, फेरी सेवाएं, नौवहन सहायता जैसे विशाल अवसंरचना विकास।
  • सामाजिक-आर्थिक गति: विशाल रोजगार सृजन

लाभार्थियों की संख्‍या:

  •   राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1 के विकास और संचालन से प्रत्‍यक्ष रूप से 46 हजार रोज़गार पैदा होंगे और जहाज निर्माण उद्योग द्वारा 84 हजार लोगों को अप्रत्‍यक्ष रोज़गार दिया जाएगा।

कवर किए गए राज्‍य/जिले:

  •   राज्‍य: उत्‍तर प्रदेश,बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल
  •  प्रमुख जिले: वाराणसी,गाजीपुर, बलिया, बक्सर, छपरा, वैशाली, पटना, बेगूसराय, खगडिया, मुंगेर, भागलपुर, साहिबगंज, मुर्शिदाबाद, पाकुड़, हुगली और कोलकाता

परियोजना ब्‍योरा:

  •      धनपोषण तरीका
  •      आईबीआरडी ऋण घटक: 2,512 करोड़ रूपए (375 मिलियन अमेरिकी डालर)
  •  भारत सरकार समकक्ष कोष: 2,556 करोड़ रूपए (380 मिलियन अमेरिकी डालर) इसका स्रोत बजटीय आवंटन और बांड इश्यू से प्राप्‍तियां हैं।
  •      पीपीपी मोड के अंतर्गत निजी क्षेत्र भागीदारी: 301 करोड़ रूपए (45 मिलियन अमेरिकी डालर)

प्रमुख घटक: 

फेयरवे विकास
वाराणसी में मल्‍टीमॉडल टर्मिनल निर्माण
साहिबगंज में मल्‍टीमॉडल टर्मिनल निर्माण
हल्दिया में मल्‍टीमॉडल टर्मिनल निर्माण.
कालूघाट में इंटरमॉडल टर्मिनल निर्माण
गाजीपुर में इंटरमॉडल टर्मिनल निर्माण.
फरक्‍का में नए नेविगेशन लॉक का निर्माण
नौवहन सहायता का प्रावधान
टर्मिनलों पर रोल ऑन- रोल ऑफ (आरो-आरो) की पांच जोडि़यों का निर्माण
एकीकृत जहाज मरम्‍मत तथा रख रखाव परिसर का निर्माण
नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस) तथा जहाज यातायात प्रबंधन प्रणाली (पीटीएमएस) का प्रावधान
किनारा संरक्षण  कार्य

पृष्‍ठ भूमि:· राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1 पर वाणि‍ज्यिक लाभ तथा सुरक्षित नौवहन के लिए प्रमुख समस्‍याओं में  एक फरक्‍का के कम गहराई का ऊर्ध्वप्रवाह है जिसका कारण सहायक नदियों का धीरे बहना और गंगा नदी का कठिन जलीय आकृति है।

  •  इस समस्या के समाधन के लिए भारत के अंतर-देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा इलाहाबाद-गाजीपुर लंबाई पर पायलट अध्ययन कराया गया।
  • इस अध्ययन के तथ्यों के आधार पर 4,200 करोड़ रुपये (700 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की अनुमानित लागत से राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के विकास के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया, ताकि विश्व बैंक से तकनीकी सहायता तथा तीन चरणों में 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश समर्थन प्राप्त किया जा सके।
  • वित्त मंत्री ने जुलाई 2014 में अपने बजट भाषण में जेएमवीपी की घोषणा की थी, ताकि गंगा में कम से कम 1500 टन के जहाज वाणिज्यिक नौवहन कर सके।

पृष्ठभूमि नोट

क्रियान्वयन रणनीति/लक्ष्यः

  • 2.2 मीटर से 3 मीटर की लिस्ट एश्योर्ड तथा 45 मीटर नीचले चैनल की चौड़ाई, किनारा संरक्षण कार्य तथा नौवहन सहायता प्रावधान के लिए प्रदर्शन आधारित ठेके के माध्यम से फेयरवे विकास।

धनपोषण तरीकाः

  • आईबीआरडी ऋण घटक: 2,512 करोड़ रूपए (375 मिलियन अमेरिकी डालर)
  • भारत सरकार समकक्ष कोष: 2,556 करोड़ रूपए (380 मिलियन अमेरिकी डालर) इसका स्रोत बजटीय आवंटन और बांड इश्यू से प्राप्‍तियां हैं।
  • पीपीपी मोड के अंतर्गत निजी क्षेत्र भागीदारी: 301 करोड़ रूपए (45 मिलियन अमेरिकी डालर)

प्रमुख कार्य तथा पूरा होने की समयसीमाः 

क्रम सं. प्रमुख मील के पत्थर पूरा होने की समयसीमा/लक्ष्य तिथि
1. फेयरवे विकास मार्च, 2023
2. वाराणसी में मल्‍टीमॉडल टर्मिनल निर्माण नवंबर, 2018
3. साहिबगंज में मल्‍टीमॉडल टर्मिनल निर्माण मार्च, 2019
4. हल्दिया में मल्‍टीमॉडल टर्मिनल निर्माण. मार्च, 2019
5. कालूघाट में इंटरमॉडल टर्मिनल निर्माण मार्च, 2020
6. गाजीपुर में इंटरमॉडल टर्मिनल निर्माण. मार्च, 2020
7. त्रिवेणी/कल्याणी में अंतर-मॉडल टर्मिनल का निर्माण मार्च, 2020
8. फरक्‍का में नए नेविगेशन लॉक का निर्माण मार्च, 2019
9. एकीकृत जहाज मरम्मत तथा रख-रखाव परिसर का निर्माण मार्च, 2020
10. रो-रो जेट्टी निर्माण  मार्च, 2020
11. जहाज खऱीद मार्च, 2019
12. भूमि अधिग्रहण तथा आरएंडआर/आरएपी मार्च, 2019
13. नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस) तथा जहाज यातायात प्रबंधन प्रणाली (वीटीएमएस) का प्रावधान मार्च, 2020
14. किनारा संरक्षण कार्य दिसंबर, 2019

ब्यौरा तथा जारी योजना की प्रगतिः

ए. वाराणसी में मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माणः

 मई, 2016 में 169.59 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से टर्मिनल के चरण-1(ए) के निर्माण के लिए ठेका। कार्य प्रगतिः 25 प्रतिशत।

बी. हल्दिया में मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माणः

 पश्चिम बंगाल के हल्दिया में 517.36 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मल्टी मॉडल टर्मिनल बनाने के लिए ठेका दिया गया। कार्य प्रारंभ।

सी.  साहिबगंज में मल्टी मॉडल टर्मिनल का निर्माणः

 अक्टूबर, 2016 में 280.90 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से टर्मिनल के चरण-1(ए) के निर्माण का ठेका दिया गया। कार्य प्रगतिः 25.62 प्रतिशत।

डी. फरक्का बराज पर नए नेवीगेशन लॉक का निर्माणः

 नवंबर, 2016 में 359.19 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नया नेवीगेशन लॉक बनाने के लिए ठेका दिया गया। कार्य प्रगतिः 22.30 प्रतिशत।

ई. लिस्ट एश्योर्ड गहराई (एलएडी):

 लिस्ट एश्योर्ड गहराई के प्रावधान के लिए प्रदर्शन आधारित रख-रखाव ड्रेजिंग ठेका तथा फरक्का और वाराणसी के बीच 2.2 मीटर से 3 मीटर की गहराई प्रदान करने के लिए गुणवत्ता आधारित ड्रेजिंग के माध्यम से फेयरवे विकास के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

एफ. पीपीपी मोड में कोलकाता तथा पटना टर्मिनलों का विकासः

  भारतीय जल परिवहन क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने के लिए एडब्ल्यूएआई ने कोलकाता टर्मिनल (जीआर जेट्टी-i, जीआर जेट्टी-ii तथा बीआईएसएन) और पटना टर्मिनल (गायघाट तथा कालूघाट) की पहचान की है ताकि सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) मोड में उनका विकास और संचालन किया जा सके।

जी. रो-रो टर्मिनलों का निर्माणः स्थानः राजमहल तथा मानिकचक, समदाघाट और मनीहारी, कहलगांव और तीनटंगा,हसनपुर और बख्तियारपुर, बक्सर तथा सरायकोटा।

एच. 6 शहरों में फेरी टर्मिनलः

 6 राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर  शहरों – वाराणसी, पटना, भागलपुर, मुंगेर, कोलकाता तथा हल्दिया- में फेरी टर्मिनलों के निर्माण के लिए उचित स्थानों की पहचान के लिए दिसंबर, 2016 में थॉम्सन डिजाइन ग्रुप (टीडीजी), बोस्टन (अमेरिका) तथा  मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (एमआईटी) (अमेरिका) के संयुक्त उद्यम को ठेका दिया गया।

आई. अंतर-देशीय जहाजों की डिजाइनः

 एडब्ल्यूएआई ने जहाजों की डिजाइन विशेषकर राष्ट्रीय जलमार्ग-1 में नौवहन के लिए उपयुक्त जहाजों को बनाने के लिए जर्मनी के मेसर्स डीएसटी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया। निर्धारित 13 डिजाइनों को प्रस्तुत करने के साथ कंसल्टेंसी का काम पूरा हो गया है। जांच समिति ने डिजाइनों को स्वीकृति दी है। जहाजों का परीक्षण किया जा रहा है।

जे. राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पर नदी सूचना सेवा (आरआईएस):

 आईडब्ल्यूएआई ने भारत में पहली बार राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर नदी सूचना सेवा प्रणाली स्थापित करने की तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण परियोजना शुरू की है। नदी सूचना प्रणाली (आरआईएस) उपकरण, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी सेवाएं है जिसका उद्देश्य अंतर-देशीय नौवहन में अधिकतम यातायात और परिवहन प्रक्रिया हैं।

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