16.3 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

मजदूरी विधेयक 2017 सम्‍बंधी संहिता

देश-विदेश

नई दिल्ली: श्रम कानून सुधारों के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार ने 38 श्रम अधिनियमों को तर्कसंगत बनाने की शुरूआत की है। इसके तहत 4 श्रम संहिताएं तैयार की जा रही हैं, जिनमें मजदूरी सम्‍बंधी संहिता, औद्योगिक सम्‍बंधों के लिए संहिता, सामाजिक सुरक्षा सम्‍बंधी संहिता तथा पेशागत सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कामकाजी माहौल सम्‍बंधी संहिता शामिल हैं।

मजदूरी विधेयक 2017 सम्‍बंधी संहिता 10 अगस्‍त, 2017 को लोकसभा में पेश की गई थी। इसके तहत 4 मौजूदा कानूनों को एक नियम के तहत लाया गया है। इनमें न्‍यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948; मजदूरी भुगतान अधनियम, 1936; बोनस भुगतान अधिनियम, 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976 शामिल कर लिए गए हैं। अब इन चारों अधिनियमों को निरस्‍त माना जाएगा।

न्‍यूनतम मजदूरी अधिनियम और मजदूरी भुगतान अधिनियम के प्रावधानों के दायरे में अधिकांश मजदूर नहीं आते थे। नई मजदूरी संहिता के तहत अब सभी कर्मचारियों के लिए न्‍यूनतम मजदूरी सुनिश्‍चित की जाएगी।

राष्‍ट्रीय न्‍यूनतम मजदूरी के विचार को प्रोत्‍साहन दिया गया है, जिसके दायरे में विभिन्‍न भौगोलिक क्षेत्र रखे गए हैं। अब कोई भी राज्‍य सरकार राष्‍ट्रीय न्‍यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी तय नहीं करेगी।

चेक या डिजिटल/इलेक्‍ट्रॉनिक तरीके से प्रस्‍तावित मजदूरी भुगतान के जरिए मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। संहिता के तहत विभिन्‍न प्रकार के उल्‍लंघन होने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

अभी हाल में ऐसी खबरें आई थी कि केंद्र सरकार ने न्‍यूनतम मजदूरी 18,000 रुपये मासिक तय की हैं। स्‍पष्‍ट किया जाता है कि मजदूरी विधेयक, 2017 सम्‍बंधी संहिता में केंद्र सरकार ने ‘राष्‍ट्रीय न्‍यूनतम मजदूरी’ जैसी कोई रकम न तो तय की है और न उसका उल्‍लेख किया है। इसलिए 18,000 रुपये मासिक न्‍यूनतम मजदूरी रिकवरी गलत और आधारहीन हैं। न्‍यूनतम मजदूरी आवश्‍यक कुशलता, परिश्रम और भौगोलिक स्‍थिति के अनुसार तय की जाएगी।

मजदूरी विधेयक, 2017 सम्‍बंधी संहिता के उपखंड 9 (3) में स्‍पष्‍ट रूप से कहा गया है कि केंद्र सरकार राष्‍ट्रीय न्‍यूनतम मजदूरी तय करने से पहले केंद्रीय सलाहकार बोर्ड से परामर्श लेगी।

कुछ ऐसी खबरे भी मीडिया में आई हैं कि न्‍यूनतम मजदूरी की गणना के तरीके को संशोधित किया जाएगा और यूनिट को 3 से बढ़ाकर 6 कर दिया जाएगा। स्‍पष्‍ट किया जाता है कि न्‍यूनतम मजदूरी पर गठित सलाहकार बोर्ड के साथ मजदूर संघों की बैठक में यह मांग उठाई गई थी। बहरहाल, यह भी स्‍पष्‍ट किया जाता है कि इस तरह का कोई भी प्रस्‍ताव मजदूरी विधेयक सम्‍बंधी संहिता का हिस्‍सा नहीं है।

Related posts

10 comments

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More