नई दिल्लीः मुख्यमंत्री श्री एन. बिरेन सिंह जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कल एक वर्ष पूरे किए हैं। शासन कैसे चलाया जाता है, विकास की योजनाओं पर कैसे काम होता है, स्थायित्व का क्या मतलब होता है, केन्द्र और राज्य सरकारें मिलकर कार्य करती हैं, तो उसका क्या प्रभाव पड़ता है, इन सभी प्रश्नों का उत्तर आज मणिपुर की ये भव्य तस्वीर दे रही है।
आपकी आंखों की चमक, आपकी खुशी ये बता रही है कि राज्य सरकार कितना अच्छा काम कर रही है। जिस प्रकार बड़ी संख्या में आप दूर – दराज के इलाकों से यहां हमें आशीर्वाद देने पहुंचे हैं, उसके लिए हम सभी बहुत आभारी हैं।
मैं मणिपुर के लोगों का, यहां के प्रशासन और राज्य सरकार का पिछले एक वर्ष में किए गए कार्यों के लिए, उनकी उपलब्धियों के लिए हृदय से अभिनंदन करता हूं।
मुझे याद है, पिछले साल फरवरी में जब मैं यहां आया था तो मैंने कहा था कि 15 साल में जो कांग्रेस सरकार नहीं कर पाई वो हमारी राज्य सरकार 15 महीने में कर के दिखाएगी। अभी 15 महीने पूरे होने में 3 महीने बाकी हैं लेकिन मणिपुर में बदलाव साफ देखा जा सकता है। पहले की सरकार की नीतियों और निर्णयों से समाज में जो नेगेटिविटी आ गई थी उसे बिरेन जी की सरकार ने बदल दिया है। लॉ एंड ऑर्डर हो, करप्शन और ट्रांसपेरेंसी हो या फिर इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े काम, हर मोर्चे पर मणिपुर सरकार तेजी से काम कर रही है।
साथियों,
मणिपुर के विकास के लिए आज मुझे करीब-करीब साढ़े सात सौ (750) करोड़ की योजनाओं को शुरू करने या लोकार्पण करने का सौभाग्य मिला है। ये योजनाएं सीधे-सीधे, यहां के नौजवानों के सपनों, उनकी प्रतिभा, उनके रोजगार, महिलाओं के सशक्तिकरण, और क्षेत्र में कनेक्टिविटी से जुड़ी हुई हैं। मेरा विश्वास है कि ये योजनाएं राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी।
भाइयों और बहनों,
स्पोर्ट्स आज सिर्फ मनोरंजन और स्वस्थ रहने का साधन भर नहीं रह गया है। ये अपने आप में एक उद्योग भी है। आज ये फुल टाइम करियर भी है। हमारी सरकार का प्रयास रहा है कि देश के नौजवानों को स्पोर्ट्स की आधुनिक ट्रेनिंग के साथ हर सुविधाएं दी जाएं। विशेषकर उत्तर पूर्व में लाखों नौजवानो के सामर्थ्य और उनकी प्रतिभा को देखते हुए केंद्र सरकार ने 500 करोड़ रुपए की लागत से नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी बनाने का फैसला लिया था। मुझे खुशी है कि इस साल जनवरी से यहां दो कोर्स शुरु भी हो चुके हैं। आज जिस कैंपस का शिलान्यास मैंने किया है, उसका कार्य पूरा होने के बाद यहां के नौजवानों की खेल प्रतिभा को सामने लाने, उसे ट्रेनिंग देने में और मदद मिलेगी।
भाइयों और बहनों,
हमारी सरकार देश को स्पोर्टिंग सुपर पावर बनाने का संकल्प लेकर चल रही है। हाल में ही हमने खेलो इंडिया नाम से स्पोर्ट्स के डेवलमेंट के लिए एक नेशनल प्रोग्राम शुरु किया है। खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत हर साल देश के चुने हुए एक हजार प्रतिभावान एथलीटों पर 5 लाख रुपए तक खर्च किए जाएंगे। मैं मणिपुर के नौजवानों का भी आह्वान करता हूं कि इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। हमारा फोकस स्कूली स्तर पर टैलेंट की पहचान कर उसे निखारने का भी है। हाल में ही इस प्रोग्राम के तहत दिल्ली में खेलो इंडिया स्कूल गेम्स का आयोजन हुआ था। मुझे खुशी है कि इसमें भी मणिपुर ने अपना लोहा मनवाया और मेडल टैली में पांचवें स्थान पर रहा। मणिपुर ने देश के बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए 13 गोल्ड समेत 34 मेडल जीते। इस के लिए यहां के युवाओंको मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। सिर्फ मणिपुर ही नहीं बल्कि नॉर्थ ईस्ट के बाकी राज्यों के बच्चों ने भी शानदार प्रदर्शन इन खेलों में दिखाया है।
साथियों,
आज यहां स्पोर्ट्स से जुड़े एक और बड़े प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया गया। मणिपुर का पहला मल्टी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स पहला अब यहां के नौजवानों के हवाले है। मल्टी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में यहां के नौजवान यहां ना सिर्फ ट्रेनिंग कर पाएंगे बल्कि अच्छे टूर्नामेंट भी आयोजित कर पाएंगे।
भाइयों और बहनों,
मणिपुर देश का वो राज्य है, जिसने खेलोंके माध्यम से महिला सशक्तिकरण की बात को सच कर के दिखाया है। यहीं की महिला खिलाड़ियों ने ओलंपिक्स से लेकर कॉमन वेल्थ खेलों तक में देश का नाम रौशन किया है। फुटबॉल, रेसलिंग, बॉक्सिंग, वेटलिफ्टिंग और आर्चरी जैसे खेलों में इस राज्य नेमैरी कॉम, मीराबाई चानू, बॉमबायला देवी लैशराम और सरिता देवी जैसे कई चैंपियंस दिए हैं। इस राज्य में महिला शक्ति हमेशा से देश के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है। आज इस अवसर पर मैं महान क्रांतिकारी देश की पुत्री रानी गाइदिन्ल्यू को नमन करता हूं। मुझे आज उनके नाम को समर्पित एक पार्क का उदघाटन करने का सौभाग्य भी मिला है।
साथियो,
लड़कियों की शिक्षा महिलाओं को सशक्त बनाने का आधार है। कुछ समय पहले ही केन्द्र सरकार ने राष्ट्रव्यापी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं’ कायर्क्रम की शुरूआत की। इस कार्यक्रम का देश भर में सकारात्मक परिणाम देखने को मिला। मुझे खुशी है कि राज्य सरकार पहाड़ी और जनजातीय क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा में आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने जनजातीय इलाकों में लड़कियों के लिए नए छात्रावास का निर्माण कराया है। मुझे आज एक ऐसे छात्रावास का उदघाटन करने का सौभाग्य मिला है। मणिपुर की महिलाएं खेती से लेकर दस्तकारी का कार्य करती है। महिलाओं के लिए एक बाजार की परिकल्पना की गई है ताकि महिलाओं को अपने उत्पाद बेचने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। श्री बिरेन जी के नेतृत्व में मणिपुर सरकार पूरे राज्य में ऐसे बाजारों का निर्माण करा रही है। मैंने अभी एक ऐसे बाजार का उदघाटन किया है। मैं श्री बिरेन जी से आग्रह करूंगाा कि वे राज्य में सरकारी ई-बाजार को और लोकप्रिय करे। यह एक ऐसा मंच है जिसके जरिए आप अपने उत्पाद सरकार को बेच सकते हैं। मणिपुर में इससे महिलाओं को भारी लाभ मिलेगा। आज मैंने राज्य में 1000 आंगनवाड़ी केन्द्रों का भी उदघाटन किया। ये केन्द्र हजारों माताओं और उनके शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करेंगे। इन माताओं को महिला दिवस पर हाल ही में शुरू किए गए राष्ट्रीय पोषण मिशन से भी लाभ मिलेगा। इस मिशन का उद्देश्य पौष्टिक भोजन, स्वच्छता और टीकाकरण पर एक लक्षित दृष्टिकोण अपनाना है।
पहाड़ी जिलों के सुदूरवर्ती और दूर-दराज वाले इलाकों में तैनात डॉक्टरों, अध्यापकों और नर्सों को अपनी तैनाती की जगह पर उपयुक्त आवास की सुविधा नहीं मिलने के कारण अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए,मैंने पहाड़ी सुदूरवर्ती इलाकों के 19 निर्दिष्ट स्थानों पर अध्यापकों, डॉक्टरों और नर्सों के लिए आवास निर्माण की आधारशिला रखी है। मुझे विश्वास है इससे चिकित्साकर्मियों कोइन इलाकों के लोगों को समर्पित सेवाएं देने की प्रेरणा मिलेगी।
साथियों,
पूर्वोत्तर के लिए हमारी सरकार की कल्पना ‘परिवहन द्वारा परिवर्तन’ रही है। हमारा ध्यान मुख्य रूप से क्नेक्टिविटी पर है। मणिपुर के सुदूरवर्ती इलाकों को हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है। सरकार विभिन्न सड़क परियोजनाओं पर भी कार्य कर रही है। मैंने आज एक महत्वपूर्ण सड़क परियोजना की भी आधारशिला रखी।
पर्यटन के क्षेत्र में भी मणिपुर के पास बहुत कुछ है : वन और वन्य जन्तु, नीली पहाडि़यां, हरी-भरी घाटियां, खूबसूरत चाय बागान और विविध संस्कृति। क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त अंग्रेजी बोलने वाले युवा मणिपुर को एक आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर सकते हैं। यदि इस तरफ ठीक से ध्यान दिया जाए तो यह क्षेत्र सबसे बड़े नियोक्ता के रूप में उभर सकता है।
मैंने चीरीयाओ चिंग में एक ईको पर्यटन की भी आधारशिला रखी, जो इम्फाल के नजदीक एक लोकप्रिय स्थल है। गुफा पर्यटन परियोजना की भी आधारशिला रखी गई।
साथियो,
हमेशा से मेरा मानना है कि भारत के विकास की गाथा तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक पश्चिमी भाग की तरह देश के पूर्वी हिस्से की प्रगति नहीं होती। पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के विकास का नया इंजन बन सकता है। हम पूर्वोत्तर क्षेत्र की विशेष जरूरतों को पूरा कर रहे हैं ताकि देश के अन्य भागों के समान उसका भी विकास हो सके।
विभिन्न मंत्रालय अपनी वर्तमान योजनाओं के अतंर्गत पूर्वोत्तर के लिए विशेष व्यवस्था कर रहे हैं। केन्द्र सरकार के सभी मंत्रालयों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वह अपने बजट का 10% क्षेत्र में खर्च करें और इसका पूरी तरह इस्तेमाल हो यह मेरी सरकार की प्राथमिकता है। सरकार के सहयोगी मंत्री नियमित रूप से क्षेत्र का दौरा करते हैं और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन का जायजा लेते हैं।अब तक केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा इस तरह के 200 से अधिक दौरे किए जा चुके है। मैंने पिछले 4 वर्षों में 25 से अधिक बार पूर्वोत्तर की यात्रा की है।
केन्द्र सरकार ने क्षेत्र के बुनियादे ढांचे के विकास पर बहुत ध्यान दिया है। पिछले 3 वर्षों में पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल नेटवर्क के विकास के लिए हर वर्ष औसतन 5.300 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे है जो पिछले 5 वर्षों के औसत खर्च का ढाई गुना है। मणिपुर में जीरीबाम स्टेशन को 2016 में बड़ी लाइन के रेल नेटवर्क से जोड़ा गया। मैंने मई 2016 में जीरीबाम के लिए यात्रियों की पहली ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया। आज पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में से 7 रेल नेटवर्क से जुड़ गए हैं। पूर्वोत्तर में इम्फाल सहित शेष राज्य राजधानियों को बड़ी लाइन में बदलने की परियोजनाएं चल रही है।
दुनिया के सबसे ऊंचे पुलों में से एक 141 मीटर ऊंचाई वाला पुल जीरीबाम-इम्फाल नई लाइन परियोजना पर निर्मित किया जा रहा है। इसी मार्ग पर 11.55 किलोमीटर लम्बी एक सुरंग इस परियोजना में एक अन्य मील का पत्थर है।
वर्ष 2014 के शुरू में राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल घोषित लंबाई का केवल 1200 कि.मी. राजमार्ग थे। लेकिन पिछले 4 वर्षों में 400 कि.मी. लंबी संड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में घोषित किया जो 38% की वृद्धि है। अगले 3 से 4 वर्षों में केन्द्र सरकार मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए करीब 30,000 करोड़ रूपये निवेश करेगी।
राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के अलावा हम प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत मुख्य सड़कों के साथ ग्रामीण आबादी को जोड़ने पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। केन्द्र सरकार ने राज्य के लिए इस योजना के अंतर्गत पिछले 4 वर्षों में 1,000 करोड़ रूपये से अधिक जारी किए हैं। हमने इस अवधि के दौरान 150 रिहायशों को जोड़ा है। यह सभी प्रयास राज्य में सड़कों की क्नेक्टिवटी विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
केन्द्र सरकार ने नई केन्द्र क्षेत्र की योजना ‘पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना’ को मंजूरी दी है। यह योजना निर्दिष्ट क्षेत्रों में अवसंरचना सृजन में खाइयों को भरेगी।
मित्रो,
मैंने गुवाहाटी में आयोजित पुलिस महानिदेशकों के 2014 के वार्षिक सम्मेलन में सभी महानिदेशकों से पुलिस भर्ती को व्यापक बनाने का आग्रह किया था। इसी के अनुसार दिल्ली पुलिस के महानगरीय स्वभाव को बनाए रखने के लिए हमने पूर्वोत्तर क्षेत्र से पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने के कदम उठाए हैं। मुझे यह साझा करने में प्रसन्न्ता है कि 2016 में 136 महिला उम्मीदवारों सहितपूर्वोत्तर राज्यों के 438 उम्मीदवार दिल्ली पुलिस में शामिल हुए। इनमें से 49 उम्मीदवार मणिपुर राज्य से हैं।
भारत सरकार ने हाल में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए दस भारतीय रिजर्व बटालियनों की स्वीकृति दी है, जिसमें दो बटालियनें मणिपुर के लिए हैं। ये दोनों बटालियनें राज्य में प्रत्यक्ष रूप से 2000 युवाओं को रोजगार का अवसर प्रदान करेंगी।
हमने एक प्रशासन स्थापित किया है जो नागरिक केन्द्रित है और हमने जनता के साथ नियमित और ढांचागत संवाद की प्रक्रिया शुरू की है। ऐसे संवाद मणिपुर के इतिहास में अनसुने थे। ‘म्यामगीनूमित’ तथा ‘हिल लीडर्सदिवस’ इस दिशा में प्रयास हैं। मुझे बताया गया है कि ऐसे 24 संवाद हुए हैं, जिसमें 19000 से अधिक लोग मुख्यमंत्री से मिले।
मुझे बताया गया है कि राज्य सरकार लोक शिकायतों को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। मुख्यमंत्री के कार्यालय में टोल फ्री नंबर के साथ शिकायत प्रकोष्ठ भी स्थापित किया गया है।
सरकार की ‘गो टू हिल्स’ पहल स्वागत योग्य कदम है। मुख्यमंत्री ने सरकार को लोगों के निकट ले जाने के लिए अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ सभी पर्वतीया जिलों की यात्रा की।
मणिपुर एक बार जो निर्णय ले लेता है, कोई शक्ति इसे करने से रोक नहीं सकती। अप्रैल 1944 में मणिपुर की इसी धरती पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वारा स्थापित आईएनए ने स्वतंत्रता का आह्वान किया था। इस आह्वान ने पूरे राष्ट्र को ऊर्जावान बनाया और स्वतंत्रता संघर्ष के लिए आवश्यक मजबूती प्रदान की।
आज मणिपुर ने नए भारत के उदय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का निर्णय लिया है। पिछले एक वर्ष में मणिपुर ने यह दिखाया है कि विकास और सुशासन की राजनीति सचमुच क्या है?
साथियों,
एक साल पहले जो प्यार आपने हमें दिया उसका ही नतीजा है कि आज हम ये सब काम कर पा रहे हैं।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि श्रीमान एन. बीरेन सिंह जी की टीम को मेरी तरफ से पूरा सहयोग मिलता रहेगा।
एक बार फिर राज्य सरकार को एक वर्ष पूरा करने के लिए, राज्य के लोगों और विशेषकर यहाँ के नौजवानों को विकास की इन परियोजनाओं के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।