देहरादून: टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी षाह, द्वारा आज दर्षनी गेट, देहरादून स्थित महाराजा प्रदुम्मन षाह की समाधि का निरीक्षण किया। इस अवसर पर श्रीमती षाह ने गंगा जल से समाधि की सफाई की और महाराजा प्रदुम्मन षाह की तस्वीर पर माल्यार्पण किया । महाराजा प्रदुम्मन षाह स्मारक निर्माण समिति के अध्यक्ष षीषपाल गुसाईं ने सांसद को प्रदुम्मन षाह के वीरता का इतिहास बताया और जीर्ण-षीर्ण समाधि स्थल भवन को नया रूप देने की आवष्यकता बतायी। सांसद श्रीमती षाह ने इसके जीर्णोंधार के एक हिस्से के लिए समिति को पांच लाख रूपये देने की मौके पर घोशणा की, साथ ही कहा कि और पांच लाख रूपये इसके खर्च करने के बाद दिये जायेंगे। सांसद श्रीमती षाह ने कहा कि यह गौरव की बात है कि महाराजा प्रदुम्मन षाह की समाधि षहर के बीचों बीच है और हमें इसका जीर्णोंधार करने का अवसर मिल रहा है। सांसद ने कहा कि इस समाधि स्थल को प्राचीन वास्तुकला के हिसाब से बनाया जाय और इसके बन जाने से लोग सैर सपाटे करने आयेंगे ही साथ ही ऐतिहासिक स्थल देखने को मिलेगा। सांसद ने कहा कि महाराजा प्रदुम्मन षाह से सम्बन्धित पाठ्यक्रम किताबों मंे षामिल कर स्कूलों मंे पढ़ाया जाना चाहिये। सांसद ने समाधि स्थल का दौरा करने के बाद गुरू राम राय दरबार साहिब के महंत श्री देवेन्द्र दास से भेंटवार्ता की, एक घंटे की वार्ता मंे सांसद ने स्पश्ट किया कि सरकार और हम लोग महाराजा प्रदुम्मन षाह के समाधि स्थल का जीर्णाेधार करना चाहते हैं। आस-पास दुकानों का अवैध कब्जा है, उन्हें हटाना चाहते हैं। समिति की देखरेख मंे जीर्णोंधार होगा, गुरूद्वारा साहिब समिति को यह अधिकार दे। महंत देवेन्द्र दास ने अपनी प्रबन्ध समिति से वार्ता के उपरान्त सकारात्मक फैसला देने की सहमति जताई। वार्ता मंे सांसद और महंत के अलावा अध्यक्ष षीषपाल गुसाईं, सचिव भवानी प्रताप सिंह पंवार, राम नरेष, एस0सी0 डोभाल, षामिल थे।
टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी षाह ने कहा गढ़वाल के 54वें प्रतापी महाराजा प्रदुम्मन षाह के प्रति मेरा पूर्ण रूप से सम्मान व आदर है। 14 मई, 1804 को खुड़बुडा़, देहरादून मंे वे वीरगति को प्राप्त हुए थे तथा षहीद हो गये थे। महाराजा प्रदुम्मन षाह के पुत्र टिहरी के प्रथम महाराजा श्री सुदर्षन षाह ने यह समाधि आज से 200 साल पहले बनाई थी। यह समाधि एक ऐतिहासिक जगह है। आने वाले दिनों मंे लोग देहरादून न सिर्फ सैर सपाटे के लिए आयेंगे बल्कि इस जगह पर जाकर एक गौरवषाली इतिहास का अध्ययन करेंगे। उन्होंने बताया कि षहीद महाराजा प्रदुम्मन षाह स्मारक निर्माण समिति कुछ दिनों से इस समाधि की देख-रेख कर रही है व लोगों का ध्यान आकृश्ट कर रही है, यह अच्छी बात है। मैं समिति की प्रषन्सा करती हूॅ, मेरे लायक महाराजा प्रदुमन्न षाह से सम्बन्धित जो भी काम समिति लायेगी उसे पूरा करूंगी। इस आदर्ष व ऐतिहासिक जगह का जीर्णोधार होना चाहिये। मुझे खुषी है कि उत्तराखण्ड सरकार के एक मंत्री डा0 धन सिंह रावत व संस्कृति निदेषक बीना भट्ट अलग-अलग तारीखों मंे समाधि स्थल मंे गये और इसके जीर्णोधार की बात की। इस समाधि स्थल के आस पास गन्दगी हटे और दूर से यह स्थान नजर आये। इस समाधि स्थल मंे सरकार अपनी निर्माण एजेन्सियों से अच्छा कन्सट्रक्षन कराये, बरामदे की नई छत डाली जाये। सम्पूर्ण बरामदे मंे ग्रेनाईट लगे एवं समाधि स्थल के बगल वाले कमरे मंे समिति का प्रस्ताव है कि यहां महाराजा प्रदुम्मन षाह की लाईब्रेरी बने तथा पीछे वाले स्थान मंे कन्सट्रक्षन कराकर महाराजा प्रदुम्मन षाह की वीरता से सम्बन्धित वस्तयें लगे। यहां इतना साहित्य उपलब्ध हो कि तमाम स्कूलों को यह साहित्य दिया जा सके। महाराजा प्रदुम्मन षाह गढ़वाल के ही नहीं, कुमाऊं के भी महाराजा रहे। उन्होंने अपनी जमीन बचाने के लिए युद्ध किया और अन्तिम समय तक वे धरती तक चिपके रहे। मैं मांग करती हूॅ कि खुड़बुड़ा दर्षनी गेट, देहरादून मंे समाधि स्थल के जीर्णोधार के साथ-साथ लैन्सडाउन चैक मंे खाली नगर निगम की भूमि मंे महाराजा प्रदुम्मन षाह की बड़ी मूर्ति लगे। इसमंे घोड़ा भी हो। मूर्ति के आस-पास पार्क की जगह भी हो।
इस मौके पर भाजपा महानगर अध्यक्ष उमेष अग्रवाल, पुनीत मिततल, मंडल अध्यक्ष, विषाल गुप्ता, चन्दन सिंह नेगी, राजीव षर्मा, आनन्द अग्रवाल, अर्जुन सिंह डूंगा षामिल थे।