मुंबई: 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच भारत में पहली बार ट्रेन चली थी. अब 164 साल बाद मुंबई में दुनिया की पहली हाइपरलूप चलने की उम्मीद जगी है. पहली हाइपरलूप मुंबई और पुणे के बीच दौड़ सकती है। इसके शुरू होने पर दोनों शहरों के बीच 150 किलोमीटर की दूरी महज 14 से 25 मिनट में तय की जा सकेगी. वर्जिन समूह ने महाराष्ट्र सरकार के साथ मुंबई और पुणे के बीच हाइपरलूप परिवहन प्रणाली के निर्माण के लिए ‘आशय पत्र’ पर दस्तखत किए हैं. इससे दोनों बड़े शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर 20 मिनट रह जाएगा. यह अभी तीन घंटे है. पहला हाइपरलूप मार्ग मध्य पुणे को वृहद महानगर के अलावा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी जोड़ेगा. इसकी आधारशिला आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी.
सालाना 15 करोड़ यात्रियों को यात्रा कराएगी हाइपरलूप
वर्जिन समूह के चेयरमैन रिचर्ड ब्रैन्सन ने मैग्नेटिक महाराष्ट्र निवेशक सम्मेलन के पहले दिन कहा, ‘हमने महाराष्ट्र के साथ मुंबई और पुणे के बीच वर्जिन हाइपरलूप के निर्माण के लिए करार किया है. इसकी शुरुआत क्षेत्र में परीक्षण के तौर पर ट्रैक बनाने के साथ होगी.’ उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के गेट पर आसान पहुंच के जरिये हम हर साल 15 करोड़ यात्रियों को लेकर जा सकेंगे.
Missouri's proposed hyperloop route would connect a combined five million residents in Kansas City, Columbia, and St. Louis in under 30 minutes. https://t.co/VhphZSSoJv pic.twitter.com/4304kQbuNk
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Exciting news: Indian State of Maharashtra has announced its intent to build a Virgin Hyperloop between Pune and Mumbai https://t.co/IkYbfIs2yi @Virgin @HyperloopOne pic.twitter.com/bsZwnliy5S
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मुंबई में खुलेंगे रोजगार के अवसर
ब्रैन्सन ने कहा कि इस प्रस्तावित हाइपरलूप परिवहन प्रणाली से पूरी परिवहन प्रणाली में बदलाव आएगा और महाराष्ट्र इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर उदाहरण होगा. उन्होंने दावा किया कि इससे हजारों रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. इस परियोजना का सामाजिक आर्थिक लाभ 55 अरब डॉलर का होगा.
अभी इस परियोजना का ब्योरा मसलन लागत और समयसीमा की घोषणा नहीं की गई है. हाइपरलूप मार्ग में पूरी तरह इलेक्ट्रिक प्रणाली होगी और इसमें प्रति घंटे 1,000 किलोमीटर तक दौड़ने की क्षमता होगी. यह प्रस्तावित परियोजना छह महीने के गहन व्यवहार्यता अध्ययन के बाद शुरू होगी.