देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर प्रदेश वासियों का आभार व्यक्त किया है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष पहले इस राज्य की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत से राज्य की सेवा का अवसर दिया। पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार ने उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए समाज के हर वर्ग का उत्थान करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। किसान, महिला और गांव सरकार की नीतियों के केंद्र में हैं। पहाड़ से पलायन रोकना, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना, बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना सरकार की प्राथमिकताएं हैं। मात्र कोरी घोषणाएँ नहीं की गयी हैं, बल्कि ऐसी घोषणाएं की गयी हैं, जिन्हें पूरा किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि विकास की दृष्टि से उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो, इसके लिये राज्यहित में अनेक नीतिगत निर्णय लिये गये हंै। हमारा प्रयास योजनाओं के धरातलीय क्रियान्वयन का है। समाज के अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित हो, इसके लिये समेकित प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग के राजस्व में गत वर्ष की तुलना में 168 करोड़ रूपये की बढ़ोत्तरी हुयी है। परिवहन विभाग के राजस्व में गत वर्ष की तुलना में 140 करोड़ रूपये की बढ़ोत्तरी हुयी है। खनन विभाग में ई-आॅक्शन प्रक्रिया लागू करने के बाद राजस्व में लगभग 27 प्रतिशत की वृद्वि दर्ज की है।
पी.डब्ल्यू.डी. के चालू निर्माण कार्यों हेतु बीते साल के रू. 420 करोड़ के सापेक्ष इस वर्ष 630 करोड़ रूपये का कार्य किया गया है। पिछले एक वर्ष में कुल 1754 किमी लम्बाई की नई सड़कों एवं 57 पुलों का निर्माण एवं 567 किमी लम्बाई की सड़कों का पुनर्निर्माण किया गया। सड़कांे एवं पुलों से 83 गांवों एवं 250 से अधिक की जनसंख्या की 198 बसावटों को भी जोड़ा गया है।
ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। राज्य के 99.60 प्रतिशत ग्राम विद्युतीकृत हो गये हैं। विगत एक वर्ष में 51 दूरस्थ गाँव विद्युतीकृत किए गए एवं शेष 21 गाँव मार्च के अन्त तक विद्युतीकृत हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष में 552 नई बस्तियों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है। 572 नये स्थानों पर हैण्डपम्प लगाए गए हैं। 1273 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का सुदृढ़ीकरण एवं जीर्णोद्धार किया गया है। प्रदेश में 3837 चाल-खाल, जलकुण्ड, फार्म पाॅण्ड का निर्माण किया गया है। देहरादून में सूर्यधार झील परियोजना का कार्य शुरू हो गया है। देहरादून में रिस्पना नदी व अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण हेतु अभियान प्रारम्भ हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में पिछले एक वर्ष में लगभग 600 अतिरिक्त चिकित्सकों को पर्वतीय क्षेत्रों में नियुक्त किया गया। इनमें 239 बाॅन्डधारी चिकित्सकों की भी नियुक्ति भी सम्मिलित हैं। मैदानी क्षेत्रों में सुविधा जनक स्थानों पर वर्षों से जमें डाक्टरों की संबद्धता समाप्त कर उन्हें वापस मूल स्थानों पर तैनात किया गया है। राज्य के दूरस्थ अस्पतालों में 149 दंत चिकित्सकों की भी तैनाती की गयी है। 481 चिकित्सकों एवं 293 स्वास्थ्य कार्यकत्रियों की चयन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है। राज्य में 22 प्रमुख अस्पतालों में टेली रेडियोलाॅजी सुविधा प्रारम्भ कर दी गयी है, अन्य 13 अस्पतालों में शीघ्र प्रारम्भ की जाएगी। इसके साथ ही राज्य के 4 स्वास्थ्य केन्द्रों (अगस्त्यमुनि, भिकियासैंण, नौगांव एवं ओखल काण्डा) में ई-हेल्थ सेंटर स्थापित किए गए हैं। इन ई-हेल्थ सेंटर्स पर 60-65 प्रकार की जांचों की सुविधा उपलब्ध रहेगी। राज्य के 47 अस्पतालों में आॅनलाईन रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रारम्भ की गयी है। सरकार द्वारा आशा कार्यकत्रियों के लिये वर्ष 2012 से रूकी हुई 33 करोड रूपये की प्रोत्साहन राशि भी जारी कर दी गयी है। आशा कार्यकत्रियों तथा ए.एन.एम. के लिये रू0 2 लाख की दुर्घटना बीमा योजना शुरू की गयी है और सभी ए.एन.एम. के लिये कम्प्यूटर टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे।
राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी सरकार प्रयासरत् है। 15 ग्राॅथ सेंटरों में महिलाओं को एल.ई.डी. उपकरण निर्माण की टेªनिंग दी जा रही है। सामाजिक रूप से कमजोर एवं निराश्रित महिलाओं के लिये एक लाख तक ऋण मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जा रहा है। एकल महिलाओं के लिये सखी ई-रिक्शा योजना शुरू की गयी है। इसके साथ ही प्रथम स्पर्श सैनेटरी नैपकिन उत्पादक इकाई शुरू कर दी गयी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने हेतु शुरू की गयी योजना के अन्तर्गत अब तक सवा लाख से अधिक किसानों को लगभग 600 करोड रूपये का ऋण मात्र 02 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जा चुका है। पर्वतीय क्षेत्र में छोटी एवं बिखरी जोतों की चकबन्दी का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही 1131 आधुनिक मिल्क कलेक्शन यूनिटों की भी स्थापना की गयी है। आधुनिक मिल्क कलेक्शन यूनिटों की स्थापना से किसान को दुग्ध विक्रय से औसतन 6 रूपये प्रति लीटर तक की अतिरिक्त आमदनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत स्टेट कम्पोनेंट में देश का पहला प्रशिक्षण केन्द्र उत्तराखण्ड में खोला गया है। एम.एस.एम.ई. के क्षेत्र में 2951 ईकाइयों की स्थापना की गयी है, जिससे लगभग 17 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। राज्य में सेण्ट्रल इंस्टिट्यूट आॅफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलाॅजी के लिये भवन एवं भूमि चिन्ह्ति कर ली गयी है, जिसमें इस वर्ष से कक्षाओं की शुरूआत कर दी जाएगी।
सिंगल विण्डो सिस्टम के अन्तर्गत लगभग 2500 करोड रूपये के 460 निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है। नई स्टार्ट अप नीति-2018 भी लागू कर दी गयी है। उद्यमियों को नये उद्यमों हेतु भूमि खरीदने की अनुमति अब जिला स्तर से ही प्राप्त हो जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य के विकास के लिये रोडमैप निर्धारित करते हुए हमने लक्ष्य 2020 के अन्तगर्त 2020 तक राज्य की सभी योजनाओं में डीबीटी लागू करने, राजस्व दोगुना करने, 05 हजार होम स्टे का निमार्ण, 01 लाख युवाओं को स्किल्ड बनाने, 200 स्टार्ट अप आरम्भ करने, 04 लाख 35 हजार वंचित परिवारों में से कम से कम एक व्यक्ति प्रति परिवार को जीविका के साधन देने, सर्विस सेक्टर में 01 लाख नए रोजगार उत्पन्न करने, सभी ग्राम पंचायतों में आॅप्टिकल फाईबर कनेक्टिविटी देने जैसे लक्ष्य रखे है।