लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों की खुशहाली के लिए कृतसंकल्पित है। इसके दृष्टिगत सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही 86 लाख किसानों के फसली ऋण को माफ करने का फैसला लिया था। किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए किसानों को नई तकनीक से जोड़ने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में प्रदेश के पर्यटन विभाग तथा उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय ‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव, 2017’ के शुभारम्भ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश एवं देश के तमाम हिस्सों में उत्पादित आमों की विभिन्न प्रजातियों का अवलोकन किया और कृषकों तथा बागवानों से बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य आम की विभिन्न प्रजातियों से जनमानस को परिचित कराना तथा आम की किस्मों का संवर्धन और संरक्षण करना है। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने गौरजीत प्रजाति के आम का एक पौधा लगाया और उद्यान विभाग की पुस्तक का विमोचन भी किया।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश में आम की लगभग 700 प्रजातियां पायी जाती हैं। आवश्यकता इस बात है कि इन आमों की प्रजातियों के संरक्षण व संवर्द्धन के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण पर बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि अभी तक यहां के किसान 300 मीट्रिक टन आम का निर्यात करते थे, लेकिन आने वाले समय में यह लक्ष्य 1,000 मीट्रिक टन का लक्ष्य होगा। राज्य सरकार आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए अनुदान भी दे रही है। उन्होंने कहा कि मुम्बई का अल्फान्ज़ो आम ने विश्व में पहचान बनायी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर करती है। इसीलिए किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले, इसके सरकार प्रतिबद्ध है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार की विभिन्न संस्थाओं द्वारा 01 लाख टन आलू का क्रय किया गया है। गेहूं उत्पादकों को राहत देते हुए उन्हें प्रति कुन्टल ढुलाई सहित 1635 रुपए का भुगतान सीधे उनके खाते में आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से दिया गया। इस बार 36 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है।
योगी जी ने कहा कि किसानों को 01 जुलाई से 07 जुलाई तक चलने वाले वन महोत्सव जुड़ना चाहिए। वनीकरण से हमारा वायुमण्डल भी बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि नदियों के दोनों तटों पर वृक्षारोपण करने से जहां नदी सदानीरा व अविरल रहेगी और पानी की शुद्धता के साथ ही बाढ़ को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव, 2017’ का आयोजन इतने बड़े पैमाने पर पहली बार राज्य में किया गया है। 24 व 25 जून, 2016 तक चलने वाले इस दो दिवसीय आम महोत्सव में 41 श्रेणियों में आम की विभिन्न प्रजातियों तथा आम के प्रसंस्कृत पदार्थों की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई है, जिसमें आम की 700 प्रजातियों के अलग-अलग संस्थाओं, विभागों एवं निजी उत्पादकों द्वारा लगभग 3,000 से अधिक नमूने प्रदर्शित किए गए हैं।
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, उद्यान विभाग के सहारनपुर, बस्ती एवं लखनऊ के मलिहाबाद में स्थापित औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्रों तथा प्रगतिशील बागवानों द्वारा अपने-अपने संस्थानों/बागों में उगाई जाने वाली प्रजातियों का प्रदर्शन किया गया है। इस प्रदर्शनी में बागवान एवं लघु उद्यमी हिस्सा ले रहे हैं। बागवानों द्वारा स्वयं आम की विभिन्न प्रजातियों के पौधे तथा आम बिक्री हेतु 62 स्टाॅल लगाए गए हैं। आम के प्रसंस्कृत उत्पादों को भी प्रदर्शनी में शामिल किया गया है। महोत्सव में उत्तराखण्ड तथा मध्य प्रदेश के बागवानों ने भी आम की विभिन्न प्रजातियों का प्रदर्शन किया है।
इस अवसर पर उद्यान मंत्री श्री दारा सिंह चैहान, पर्यटन मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, पशुधन मंत्री श्री एस0पी0 सिंह बघेल, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री उपेन्द्र तिवारी, कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री मोहसिन रजा, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव उद्यान श्री सुधीर गर्ग सहित शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।