लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने शास्त्री भवन में कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान इस विभाग के उच्चाधिकारियों को विभिन्न कृषि काॅलेजों इत्यादि में मौजूद रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए हैं। सरकारी पदों पर भर्तियों के दौरान योग्यता का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालयों के तहत संचालित कृषि काॅलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल में धान की ऐसी कई प्रजातियां हैं, जिनकी गुणवत्ता, स्वाद और महक उत्कृष्ट है, परन्तु इन प्रजातियों को और बेहतर बनाने के लिए न ही कोई शोध हुआ और न ही इनके ब्राण्ड को प्रमोट करने की दिशा में कोई कार्य हुआ। उन्होंने कहा कि धान की ऐसी प्रजातियों को उन्नतशील बनाने की दिशा में कार्य करते हुए इन्हें बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
प्रस्तुतिकरण के दौरान श्री योगी को कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अधिकारियों द्वारा विभाग के अन्तर्गत संचालित चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के तहत चलने वाले काॅलेजों का विवरण दिया गया। इसके तहत स्थापित शोध केन्द्रों, शोध एवं प्रसार गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए अधिकारियों ने बताया कि फसलों की उन्नतशील प्रजातियों तथा कृषि की नवीन तकनीकों के विकास के लिए 11 शोध एवं उप शोध केन्द्र संचालित हैं। विश्वविद्यालय द्वारा विगत 5 वर्षाें में शोध तथा प्रसार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं।
नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय फैजाबाद के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तहत स्थापित विभिन्न विज्ञान केन्द्रों तथा संचालित काॅलेजों में कराए जा रहे पठन-पाठन में गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने मेरठ, बांदा तथा इलाहाबाद के कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों के विषय में भी जानकारी ली तथा इन्हें और प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश दिए।
श्री योगी ने उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण देखते हुए इसे और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगले 5 वर्षाें तक प्रत्येक वर्ष कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों के अधिक से अधिक काॅलेज/प्रोग्राम का आई0सी0ए0आर0 से एक्रिडिटेशन कराया जाए जिससे इन्हें आई0सी0ए0आर0 तथा अन्य संस्थाओं से अधिक से अधिक अनुदान प्राप्त हो सके और विश्वविद्यालयों को ब्राण्ड के रूप में पहचान मिले।
मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों की क्षमता के अनुरूप प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक-एक सेण्टर आॅफ एक्सीलेन्स की स्थापना के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी। उन्होंने भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 20 जनपदों में चिन्हित कृषि विज्ञान केन्द्रों की स्थापना हेतु निःशुल्क भूमि के चिन्हीकरण एवं इसकी उपयुक्तता के सम्बन्ध मंे आई0सी0ए0आर0 की निरीक्षण समिति से निरीक्षण कराए जाने के प्रस्ताव पर भी अपनी सहमति जताई।
बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, अन्य मंत्रीगण तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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