लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद वाराणसी के बड़ालालपुर में निर्माणाधीन प्रायोजित व्यापार सुविधा केन्द्र एवं हस्तकला संग्रहालय का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों को काशी के मुख्य उत्पाद सिल्क की वस्तुओं को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने काशी में इस व्यापार सुविधा केन्द्र एवं हस्तकला संग्रहालय के निर्माण की परिकल्पना इसी उद्देश्य से की थी, ताकि स्थानीय बुनकर आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कर अपने सिल्क उत्पादों को आज के परिवेश के अनुरूप उत्पादित करें, जिससे बुनकरों को उनके उत्पाद का सही मूल्य प्राप्त हो सके और उनके जीवन स्तर में सुधार हो। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह व्यापार सुविधा केन्द्र एवं हस्तकला संग्रहालय बुनकरों की आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री जी ने वाराणसी के हस्तशिल्पियों के लिए इस केन्द्र को वरदान बताते हुए कहा कि इससे वाराणसी ही नहीं आस-पास क्षेत्र के बुनकर अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर सकेंगे तथा उन्हें अपने उत्पादों का सही मूल्य मिलेगा। मुख्यमंत्री जी ने केन्द्र के पूरे परिसर में लगभग 1 घण्टे तक भ्रमण कर इसके अन्तर्गत स्थापित म्यूजियम, क्राफ्ट बाजार एवं प्रवेश प्लाजा के अलावा मुख्य द्वार का निरीक्षण किया। वाराणसी में केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय द्वारा 305 करोड़ रुपए की लागत से 43,445 वर्ग मीटर में व्यापार सुविधा केन्द्र एवं हस्तकला संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान प्रदेश के विधि, न्याय, सूचना, खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री डाॅ0 नीलकंठ तिवारी ने निर्माणाधीन व्यापार सुविधा केन्द्र एवं हस्तकला संग्रहालय के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को विस्तार से अवगत कराते हुए बताया कि व्यापार सुविधा केन्द्र एवं हस्तकला संग्रहालय का निर्माण कार्य 27 नवम्बर, 2015 से शुरू किया गया है। इसे सितम्बर, 2017 तक पूरा कराया जाना है। निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और फिनिशिंग कार्य भी अन्तिम चरण में है। इस प्रायोजित व्यापार सुविधा केन्द्र एवं हस्तकला संग्रहालय का निर्माण कार्य प्रत्येक दशा में निर्धारित समय सीमा में पूरा करा लिया जाएगा।
डाॅ0 तिवारी ने बताया कि बनारसी सिल्क एवं हथकरघा पूरे विश्व में प्रसिद्व है। इसमें लगभग 20000 हथकरघा के माध्यम से 60,000 हथकरघा बुनकरों की जीविका वाराणसी में जुड़ी हुई है। वाराणसी के हथकरघा एवं सिल्क उत्पाद को विकसित करने एवं बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा व्यापार सुविधा केन्द्र एवं हस्तकला संग्रहालय वाराणसी में उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में निर्मित कराया जा रहा है। जो सम-सामयिक रूप से संस्थाओं द्वारा देश में स्थापित बेन्चमार्क एवं व्यवसायिक केन्द्रों के साथ तुलनीय है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट द्वारा हथकरघा क्षेत्र को बढ़ावा एवं सम्बल प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा क्राफ्ट बाजार केन्द्र स्थापित है।
डाॅ0 तिवारी ने बताया कि इसका प्रमुख उद्देश्य है कि प्राचीन नगरी वाराणसी के समृद्ध क्राफ्ट संस्कृति में वृद्वि करना, हथकरघा एवं हस्तशिल्प ब्राण्ड के प्रदर्शन हेतु उचित वातावरण एवं प्लेटफार्म उपलब्ध कराना, व्यापार सुविधा केन्द्र में विदेशी क्रयकर्ताओं को व्यापार हेतु विविध एवं वृहद प्लेटफार्म उपलब्ध कराना तथा घरेलू एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन का विकास किया जाना है।
देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 22 दिसम्बर, 2016 को अपने वाराणसी दौरे के दौरान इस व्यापार सुविधा केन्द्र के अन्तर्गत स्थापित म्यूजियम, क्राफ्ट बाजार एवं प्रवेश प्लाजा का विधिवत् उद्घाटन किया जा चुका है। व्यापार सुविधा केन्द्र के अन्तर्गत बेसमेण्ट, ग्राउण्ड फ्लोर सहित तीन अतिरिक्त फ्लोर निर्मित किए गए हैं। दो स्तरीय बेसमेण्ट में लगभग 400 चार पहिया वाहन खड़ी करने की सुविधा है। भूतल पर कार्यालय के अतिरिक्त 11 मार्ट, कन्वेंशन सेण्टर, फूड कोर्ट, 14 दुकानें, पूछताछ केन्द्र, प्रवेश प्लाजा, आकर्षक एवं आधुनिक सुविधायुक्त गैलरी एवं लगभग 2000 लोगों की क्षमता का एम्फी थियेटर भी बनाया गया है।
प्रथम तल पर 13 मार्ट, 2 एटीएम, गैलरी, 2 रेस्तरा, 14 दुकानें, लाउंज, सिल्क गैलरी, कापेंट गैलरी तथा इतिहास एवं संगीत गैलरी मुख्य आकर्षण का केन्द्र है। द्वितीय तल पर व्यापार केन्द्र, बैठक कक्ष, व्यापार व सूचना का राष्ट्रीय केन्द्र, 4 दुकानें, 15 डाॅरमेट्री, कार्यालय, पुस्तकालय, रिकाॅर्ड रूम, चलचित्र हाॅल आदि की भी व्यवस्था सुनिश्चित किया गया है। जबकि तृतीय तल पर 13 कार्यालय एवं व्यापार केन्द्र के अतिरिक्त 15 अतिथि गृह काॅमन हाॅल, पैण्ट्री एवं कार्यालय बनाए गए हैं।
निरीक्षण के दौरान विधायकगण श्री सौरभ श्रीवास्तव, श्री रवीन्द्र जायसवाल, सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव सूचना एवं पर्यटन श्री अवनीश कुमार अवस्थी तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।