लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने गोरखपुर जनपद के भ्रमण के दौरान दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सभागार में वेद प्रकाश पाण्डेय, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य द्वारा लिखित पुस्तक ‘शहरनामा गोरखपुर’ का विमोचन करते हुए कहा कि व्यक्ति का सृजनात्मक पहलू है लेखनी, बोलने की अपेक्षा काफी कठिन कार्य है लेखन। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में बहुत बेबाकी से अपनी राय रखी गयी है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर की धरती कई महापुरुषों एवं ऋषियों की कर्मभूमि रही है। पुस्तक में गोरखपुर के आदिकाल से लेकर वर्तमान तक के इतिहास को सहेजा गया हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के लेखन से आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि इतिहास लेखन एक बहुत कठिन कार्य है लेकिन श्री पाण्डेय व उनकी टीम ने बहुत अथक प्रयास से अपनी लेखनी के सदुपयोग से गोरखपुर के इतिहास से लेकर वर्तमान तक को प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक आने वाले समय में शोध कर्ताओं के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगी।
योगी जी ने कहा कि हमें किसी भी चीज की सकारात्मक पक्ष के लिए मेहनत करनी पड़ती है, नकारात्मक पक्ष होने से एक विकृत स्वरूप सामने आता है, जो लोगों के लिए हानिकारक होता है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर शहर के विकास का दायित्व हम सबका है। इसकी विरासत को आगे बढ़ाने का दायित्व आने वाली नई पीढ़ी का होगा।
इस अवसर पर लेखक डाॅ0 वेद प्रकाश पाण्डेय ने पुस्तक के बारे में विस्तार से सभी को जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान प्रोफेसर राजेन्द्र राव, प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह, राष्ट्रीय साहित्य एकादमी के अध्यक्ष, प्रोफेसर विश्वनाथ त्रिपाठी ने अपने विचार व्यक्त किये।
इसके उपरान्त मुख्यमंत्री जी ने सीतापुर नेत्र चिकित्सालय में आई0एम0ए0 द्वारा शुरू की जा रही निःशुल्क ओ0पी0डी0 का शुभारम्भ भी किया।
कार्यक्रम में प्रदेश के सिंचाई एवं सिंचाई यांत्रिक मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, राज्य सभा सांसद श्री शिव प्रताप शुक्ला, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश अवस्थी, अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।