कोलकाता: देश के लगभग 19 राज्यों पर सत्ता क़ायम कर चुकी भाजपा का अभी कई राज्यों में न के बराबर जनधार है। इसलिए आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा इन राज्यों में अपनी ज़मीन मज़बूत करने की कोशिश में लगी हुई है। इनमे से एक राज्य है पश्चिम बंगाल। इस राज्य में भाजपा को अपने लिए काफ़ी अच्छी सम्भावनाए दिख रही है।
इसलिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लगातार बंगाल की यात्रा कर रहे है। अपना जनाधर बढ़ाने के लिए भाजपा लगातार सम्मेलन आयोजित कर रहे है। इसी कड़ी में मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा ने गुरुवार को एक सम्मेलन आयोजित किया। लेकिन यह सम्मेलन अपेक्षाओ के अनुरूप नही रहा। बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग जुड़ने की उम्मीद लगाए बैठे भाजपा को सम्मेलन से काफ़ी निराशा हाथ लगी।
इस सम्मलेन में बमुश्किल कुछ सौ लोग ही पहुँचे। कार्यक्रम में मँगाई गयी काफ़ी कुर्सियाँ ख़ाली रही। बताते चले की बंगाल में मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी तादात है। इसलिए बंगाल में सत्ता तक पहुँचने के लिए हिंदुओ के साथ साथ मुस्लिम वोटों की भी काफ़ी ज़रूरत है। पहले मुस्लिम मतदाता वाम दल के साथ था तो सत्ता उनके हाथ थी, अब ममता के साथ है तो सत्ता उनके साथ है।
इस सम्मेलन में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्दुल राशिद अंसारी के साथ पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष और वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय भी मौजूद रहे। इस दौरान राशिद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वाम दलों ने मुस्लिम मत के सहारे राज किया और अब तृणमूल भी यही कर रही है। इसके बावजूद राज्य में मुस्लिमों की हालत बेहद खराब है। समुदाय के लोग बेरोजगारी और गरीबी में जीने को मजबूर हैं। जबकि बीजेपी नारेबाजी नहीं करती है बल्कि सबका साथ और सबका विकास के मूल मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है।
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