देहरादून: रा.ई.का. बढ़ोवाला, सुभाष चन्द्र बोस अकैडमी नथुवावाला, एस.जी.आर.आर. बालावाला, एस.जी.आर.आर. भानियावाला देहरादून में राष्ट्र स्तरीय युवा संवाद कार्यक्रम मानवाधिकार संरक्षण समिति और सजग इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में युवाओं के मध्य युवा संवाद के रूप में हुआ. कार्यक्रम मुख्य वक्ता समिति के अध्यक्ष ललित मोहन जोशी के विचारों से प्रारम्भ हुआ जिसमे उन्होंने राष्ट्र प्रेम, नशाखोरी(नशे में अपनी जवानी ख़राब करते युवा) माता पिता के प्रति आज के युवाओं का ब्यवहार और देश की ज्वलंत समस्याओं में जल, जंगल, जमीन, जन , शिक्षा , स्वास्थ्य , परिवहन, पलायन, सुशासन, कानून व्यवस्था, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा तथा संस्कृति और सभ्यता के बिषयों पर अपने विचार रखे तथा युवाओं को सजग रहने को कहा.
युवा संवाद कार्यक्रम में युवाओं में भी खुलकर अपने विचार रखे जिसमे राष्ट्र सुरक्षा जैसे विचारों को रखते समय कई युवा भावुक भी हुए और अपने परिजनों को खोने का दर्द उन्होंने बयाँ किया. युवाओं ने संवाद से जुड़े हर बिषय पर अपने अपने विचार रखे. कुछ युवाओं ने पलायन पर गम्भीर चिंता भी ब्यक्त की तो कुछ ने संस्कृति और संभ्यता को बचाने की बात अपने विचारों के रूप में रखी.
एस.जी.आर.आर. बालावाला के प्रधानाचार्य श्री चन्द्र प्रकाश नौगाई ने समाज में बढ़ती नशे की प्रवति पर चिंता जाहिर की तथा युवाओं को इसके प्रति सजग कर रही मानवाधिकार संरक्षण समिति और सजग इंडिया का धन्यवाद किया वहीँ एस.जी.आर.आर. नेहरु ग्राम के प्रधानाचार्य डी.पी. जोशी ने समिति के कार्यक्रम को सराहते हुए इस तरह के कार्यक्रम को युवा पीढ़ी के लिए लाभदायी बताया साथ ही एस.जी.आर.आर. भानियावाला के प्रधानाचार्य श्री अखिलेश गौड़ ने युवाओं को स्वच्छ भारत में जुड़ने तथा नशे से दूर रहने का आह्वान किया. कार्यक्रम के समापन के अवसर पर प्रतिभाग करने वाले विशिष्ठ सभी स्कूलों के बच्चों को समिति के माध्यम से प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में सजग इंडिया टीम के कोडिनेटर सुभाष बिजल्वाण,गणेश नैथानी, रामसिंह, दीपक डसीला नागेन्द्र सजवाण और शिक्षकों में जे. एस. बिष्ट, दीपक भट्ट, शालनी जोशी, ममता लखेडा, लक्ष्मी शर्मा, पंकज पेटवाल, संजय रयाल, कविता सुयाल, नीता बागरी, सुषमा उनियाल, सोनिया सिंह, सुनील कट्टर,राजेश गौर ,राजू थापा सहित कई लोगों ने उपरोक्त विषय में अपने विचार रखे। इस दौरान कार्यक्रम में लगभग ३००० से भी अधिक बच्चों ने व्यशनमुक्त एवं स्वच्छ भारत बनाने की प्रतिज्ञा ली और मानवाधिकार समिति की सदस्यता भी ग्रहण की।