लखनऊ: बीते साल अक्टूबर महीने में ऐन चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी योजनाओं को पारदर्शी ढंग से लागू करने की बात कहते हुए अपने सरकारी आवास पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चयनित लाभार्थियों को नये राशन कार्ड के वितरण कार्यक्रम के अवसर पर कहा था कि समाजवादी सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चयनित सभी लाभार्थियों को जल्द ही नया राशन कार्ड उपलब्ध कराएगी। अखिलेश ने यह भी बताया था कि योजना के तहत तीन करोड़ 17 लाख से अधिक राशन कार्डों की छपाई का कार्य पूरा हो चुका था और जल्द ही नए कार्डों के वितरण की बात भी कही थी ।
नवम्बर महीने में लखनऊ में पुराने राशन कार्ड को खत्म कर सीएम अखिलेश यादव की बड़ी फोटो लगे नए कार्ड जारी किये गए जिन पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 2013 की जानकारी भी लिखी थी । तब कांग्रेस,भाजपा समेत तमाम राजनैतिक दलों ने राशनकार्ड पर मुख्यमंत्री की तस्वीर छापे जाने की आलोचना करते हुए राशनकार्ड पर मुख्यमंत्री की फोटो छापना सस्ती लोकप्रियता पाने का प्रयास बताया था । पर क्या सूबे की सरकार ने ये करोड़ों कार्ड अवैध रूप से छपवाए थे ?
सूबे की राजधानी लखनऊ के फायरब्रांड एक्टिविस्ट संजय शर्मा द्वारा मुख्य सचिव कार्यालय में बीते जून महीने में डाली गई एक आरटीआई पर सूबे के खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त के कार्यालय के क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी मुख्यालय और जन सूचना अधिकारी दिनेश चंद्र मिश्रा द्वारा बीती 6 तारीख को जो सूचना दी गई है उससे यह बड़ा खुलासा हुआ है कि यूपी के खाद्य और रसद विभाग द्वारा न तो तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीर वाले कोई राशन कार्ड छापे गए और न ही यूपी सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 लागू होने से अब तक राशन कार्ड तैयार करने के सम्बन्ध में कोई शासनादेश जारी किया है l
यूपी में संजय ‘भूंकम्प’ शर्मा के नाम से प्रसिद्द एक्टिविस्ट संजय शर्मा ने मिश्र के इस जबाब के आधार पर अखिलेश के फोटो लगे राशन कार्डों को अवैध बताते हुए सूबे के पूरे सरकारी तंत्र को रीढ़विहीन बताते हुए कटघरे में खड़ा किया है और बिना शासनादेश और बिना खाद्य और रसद विभाग के संज्ञान के महज तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रचार के लिए करोड़ों राशन कार्ड सरकारी धन से छप जाने को सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला बताते हुए इस मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों को दण्डित करने और कार्ड छपाने पर व्यय धनराशि का आंकलन कर इस धनराशि की भरपाई व्यक्तिगत रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से कराने की मांग वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ से की है l
योगी के सीएम बनने से अब तक राशन कार्ड तैयार करने के सम्बन्ध में यूपी सरकार द्वारा कोई शासनादेश जारी न किये जाने के आधार पर पीआईएल एक्टिविस्ट संजय ने योगी सरकार के द्वारा अखिलेश के फोटो लगे राशन कार्ड हटाकर नए स्मार्ट कार्ड जारी करने के दावों पर साबलिया निशान लगाते हुए योगी आदित्यनाथ से बिना शासनादेश कोई कार्य न करने की नीति बनाने की मांग भी की है ।संजय ने बताया कि वे इस मामले की शिकायत सूबे के राजयपाल राम नाईक से भी कर रहे हैं l
मिश्र ने संजय को यह भी बताया है कि यूपी में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत कुल 147716408 वैध लाभार्थी चयनित हैं l संजय ने बताया इस प्रकार साल 2011 की जनगणना के अनुसार 199812341 आबादी बाले यूपी में 74% आबादी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत चयनित हैं l