नयी दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठनों की सुरक्षा के विषय में काम करने के लिए सशस्त्र बलों को काफी वित्तीय शक्तियां देने का निर्णय लिया है। हवाई ठिकानों और रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था के आधुनिकीकरण में शामिल निर्णय प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए यह कदम उठाया गया है। तीनों सेनाओं के उपप्रमुखों को रक्षा मंत्रालय से स्वीकृति लिए बिना आर्डर देने, उपकरण खरीदने तथा सिविल कार्य कराने की शक्ति प्रदान की गई है। तीनों सेनाओं द्वारा उपयोग की जा रही वर्तमान शक्तियों में वित्तीय शक्ति प्रदान करना एक महत्वपूर्ण छलांग है। रक्षामंत्री अरूण जेटली ने महत्वपूर्ण रक्षा परिसम्मपतियों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध तरीके से काम कराने के लिए कठोर समय सीमा निर्धारित की है।