देहरादून: राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कंात पाल ने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम हम सभी भारतीयों का मिशन है। गंगा के संरक्षण व निर्मलता के प्रति सोच विकसित करनी होगी। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने ‘नमामि गंगे ट्रेक’ का विधिवत समापन ‘फ्लेग इन’ किया।
राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कंात पाल ने प्रतिभागियों व आयोजक संस्थाओं को बधाई देते हुए कहा कि गोमुख से गंगा सागर तक गंगा के संरक्षण व निर्मलता के प्रति सोच विकसित करनी होगी। नमामि गंगे का कार्यक्रम केवल केंद्र व राज्य सरकारों का ही नहीं बल्कि यह एक जन-अभियान है, हम सभी भारतीयों का मिशन है। नमामि गंगे अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल हो, यह सुनिश्चित करना हम सभी का कर्तव्य है।
राज्यपाल ने सुझाव दिया कि इस तरह के और भी ट्रेक प्लान किए जाएं। इनमें काॅलेज व विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को शामिल किया जाए। इससे युवा वर्ग, गंगा व प्रकृति के महत्व से परिचित होगा।
राज्यपाल ने कहा कि गंगा नदी का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व होने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था में भी इसका बहुत बड़ा योगदान है। गंगा सदियों से हमारा पालन करती आई है। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में इसे मां गंगा कहा गया है। वैसे तो गंगा नदी की स्वच्छता के लिए प्रयास काफी पहले से किए जाते रहे हैं परंतु प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस पर विशेष बल दिया है। इसके लिए बड़ी मात्रा में बजट प्राविधान भी किए जा रहे हैं। नमामि गंगे के तहत गंगा नदी की सफाई, सोलिड वेस्ट की समस्या को हल करना, शौचालयों का निर्माण, ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना, शवदाह गृहों का आधुनिकीकरण, घाटों का निर्माण व सुधारीकरण, औद्योगिक प्रदूषण को रोकने, जैव विविधता व वृक्षारोपण आदि प्रयास बड़े स्तर पर किए जा रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड, एक प्रकार से मां गंगा का मायका है। इसलिए गंगा की स्वच्छता व निर्मलता के प्रति उत्तराखण्डवासियों का दायित्व और भी अधिक है। उत्तराखण्ड सरकार और उत्तराखण्ड के लोग इसके लिए प्रयासरत भी हैं। बड़ी खुशी की बात है कि स्वच्छ भारत अभियान की तरह ही गंगा की निर्मलता के लिए नमामि गंगे अभियान के प्रति भी लोग जागरूक हो रहे हैं। हमें इस जागरूकता को बनाए रखना है। साथ ही इसे कार्यरूप में भी परिवर्तीत करना है।
राज्य परियोजना प्रबंधन गु्रप, नमामि गंगे के परियोजना निदेशक डाॅ. राधव लंागर ने बताया कि राज्य परियोजना प्रबंधन गु्रप, नमामि गंगे व नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तरकाशी द्वारा संयुक्त रूप से 10 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक गंगोत्री से गौमुख होते हुए तपोवन तक इस ट्रेक का आयोजन किया गया था। निर्मल व स्वच्छ गंगा के प्रति जनजागरूकता के उद्देश्य से आयोजित नमामि गंगे ट्रेक में नीति निर्माता, जनप्रतिनिधि, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, छात्र, मीडियाकर्मी, प्रशासनिक अधिकारी व गंगा स्वच्छता से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे। ट्रेकिंग दल द्वारा वृक्षारोपण, सफाई अभियान, गंगा शपथ व गंगा संरक्षण पर मंथन कार्यक्रम किए गए।