नई दिल्लीः राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जयसिंह रोड, नई दिल्ली स्थित एन डी एम सी कंवेंशन सेंटर में प्रकाशकों के साथ राजभाषा हिंदी के टंकण/मुद्रण संबंधी तकनीकी समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया। इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य प्रकाशकों द्वारा हिंदी फॉन्ट/हिंदी सॉफ्टवेयर संबंधी समस्याओं का निराकरण करना था जिसे गूगल/माइक्रोसॉफ्ट तथा सी-डेक, इत्यादि संस्थाओं के सहयोग से किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजभाषा विभाग के सचिव श्री प्रभास कुमार झा द्वारा की गई तथा संयुक्त सचिव (रा.भा.) डॉ. बिपिन बिहारी सहित केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम में सचिव (रा.भा.) ने कहा कि आज अंग्रेजी की तुलना में हिंदी की सामग्री (कंटेंट) बहुत कम है जिसका प्रमुख कारण हिंदी के विभिन्न सॉफ्टवेयरों में आपसी तालमेल की कमी है जिस पर हम सबको मिलकर काम करना होगा। एक फॉन्ट से दूसरे फॉन्ट में कन्वर्ट करते समय भाषा का स्वरूप बिगड़ जाता है, इसलिए समय की मांग है कि एक ऐसा कंवर्जर तैयार किया जाए जो विभिन्न फॉन्टों को एक-दूसरे में परिवर्तित करने में सहायक हो सके। इस मौके पर वाणी प्रकाशन के अरुण महेश्वरी ने कहा कि जब तकनीक के साथ हिंदी में कार्य करने की बात आती है तो सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि पेजमेकर जैसे सॉफ्टवेयर के साथ यूनीकोड फॉन्ट को सपोर्ट करना संभव नहीं हो पाता है जिसके कारण यूनीकोड में प्राप्त प्रिटिंग सामग्री को पुन: टाइप करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त श्री महेश्वरी का कहना था कि प्रकाशकों को यूनीकोड आदि की पर्याप्त जानकारी न होना भी एक बड़ी समस्या है जिस पर सरकार की ओर से पहल करते हुए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। कार्यक्रम में माइक्रोसॉफ्ट के निदेशक श्री बालेंदु ने यूनीकोड की वर्तमान समय में उपयोगिता तथा साथर्कता पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री बालेंदु ने बताया कि यूनीकोड में अनेक विशेषताएं हैं, जिनके बारे में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। इससे पहले कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए राजभाषा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. बिपिन बिहारी ने कहा कि राजभाषा विभाग इस तरह का आयोजन पहली बार कर रहा है जिसमें प्रकाशकों से सीधे संवाद कर राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी आने वाली समस्याओं पर चर्चा की जा रही है। इस आयोजन से न सिर्फ राजभाषा संबंधी कार्यों को गति मिलेगी, बल्कि हिंदी का बाजार भी सशक्त होगा। उनका कहना था कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य पाठकों तक प्रचुर मात्रा में हिंदी कंटेंट उपलब्ध कराना है। कार्यक्रम में केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक नंद किशोर पाण्डेय ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, विभिन्न साहित्य अकादमी, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, केंद्रीय शब्दावली आयोग आदि के अधिकारियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में प्रकाशक भी मौजूद थे।
राजभाषा भारती का हुआ विमोचन
राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 26 मार्च, 2018 को जयसिंह रोड, नई दिल्ली स्थित एन डी एम सी कंवेंशन सेंटर में प्रकाशकों के साथ आयोजित बैठक में गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा प्रकाशित होने वाली पत्रिका राजभाषा भारती के 153वें अंक का विमोचन किया गया।
विदित हो कि गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा विगत 40 वर्षों से राजभाषा भारती का प्रकाशन किया जा रहा है तथा राजभाषा के प्रचार-प्रसार की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाने वाली यह पत्रिका केंद्र सरकार के कार्यालयों को नि:शुल्क प्रेषित की जाती है।