नई दिल्ली: पीने का पानी एवं स्वच्छता मंत्रालय ने 19 एवं 20 जनवरी, 2018 को हरियाणा के गुरुग्राम में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पर एक दो दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया। इस परामर्श कार्यशाला में राज्यों के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों एवं देश भर के स्वच्छ भारत मिशन के निदेशकों ने भाग लिया। इन प्रतिभागियों ने अभी तक की गई प्रगति, भविष्य की योजना समेत एसबीएम (जी) से संबंधित विभिन्न मुद्वों पर ध्यान केंद्रित किया जिसमें राज्यों में वर्तमान में जारी आईईसी (सूचना शिक्षा संवाद) प्रयासों पर विशेष जोर दिया गया।
एसबीएम के कार्यान्वयन के अंतिम से पूर्व चरण में प्रवेश करने के साथ राज्यों ने 2018 में खुले में शौच से मुक्त स्थिति को अर्जित करने की अपनी योजनाओं को साझा किया जिसमें लक्षित अंतःव्यक्तिगत संवाद एवं जन संचार के मिश्रण के जरिये व्यवहारगत बदलाव संवाद पर विशेष जोर दिया गया। राज्यों ने यह सुनिश्चित करने के बाद कि मिशन के तहत निर्मित्त शौचालयों का उपयोग गांव के प्रत्येक परिवार द्वारा किया जाए, इसे अर्जित किए जाने के बाद उनकी ओडीएफ स्थिति को बनाये रखने से संबंधित अपनी योजनाओं को भी साझा किया। 2018 के लिए राज्य ईएसी योजनाएं प्रस्तुत की गईं और मंत्रालय के साथ चर्चा की गई।
पीने का पानी एवं स्वच्छता मंत्रालय में सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने कार्यशाला में अपने उद्घाटन भाषण में मिशन के बारे में इसकी शुरुआत से लेकर अब तक की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विश्वास जताया कि मिशन के कार्यान्वयन पर राज्य सरकारों द्वारा जिस प्रकार लगातार एवं केंद्रित रूप से ध्यान दिया जा रहा है, उसे देखते हुए ऐसा पूरा विश्वास है कि 2 अक्तूबर, 2019 तक स्वच्छ भारत के प्रधानमंत्री के विजन को साकार हो जाएगा।