नई दिल्लीः राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने डॉ. बी आर अम्बेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई दी है।
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा है, “डॉ. बी आर अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर मैं अपने राष्ट्रीय जीवन की इस मूर्ति को सादर नमन करता हूं और सभी देशवासियों को तहे दिल से बधाई देता हूं। डॉ. अम्बेडकर बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे जिनका हमारे समाज और राष्ट्र पर प्रभाव आज भी प्रासंगिक है और हमेशा रहेगा। वह एक शिक्षाविद और अर्थशास्त्री, एक विद्वान और नीति शास्त्री, एक असाधारण विधिवेत्ता, संविधान विशेषज्ञ थे। इन सबसे बढ़कर वे समाज सुधारक थे और उन्होंने महिलाओं को उचित अवसर प्रदान करने के लिए कार्य किया तथा वे आजादी के पक्षधर थे।
डॉ. अम्बेडकर ने एक बेहतर और न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। एक ऐसा आधुनिक भारत जो जातिवाद और अन्य पूर्वाग्रहों से मुक्त हो, जहां महिलाओं और समाज के उपेक्षित लोगों को बराबरी के आधार पर आर्थिक और सामाजिक अधिकार प्राप्त हों। उन्होंने अपने आदर्शों और कानून के शासन में अपनी आस्था को संविधान सभा की बैठकों में बेहद प्रभावी तरीके से अभिव्यक्त किया था। इसलिए उन्हें संविधान निर्माता माना जाता है जो भारत के गणराज्य के लिए एक प्रकाश स्तम्भ की तरह है।
निजी जीवन में चुनौतियों का सामना करने के बावजूद डॉक्टर अम्बेडकर के मन में किसी प्रकार की कटुता और द्वेश की भावना नहीं थी। अनेक सामाजिक, राजनीतिक और व्यवसायिक योगदान देने के कारण डॉक्टर अम्बेडकर सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। हमें उनके व्यक्तित्व और योगदान का समग्र मूल्यांकन करना चाहिए।
आइए हम इतिहास की इस महान विभूति तथा भारत के सच्चे सपूत के जीवन से प्रेरणा लें। एक न्यायपूर्ण, समतावादी और विकसित भारत का निर्णाण करके ही हम उन्हें सर्वश्रेष्ठ श्रृद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं- एक ऐसा भारत जहां लोकतांत्रिक व्यवस्था हो जिसे डॉ. अम्बेडकर ने हमारे और हमारी भावी पीढ़ियों के लिए संविधान में आकार दिया और उसे स्पष्ट किया।”