नई दिल्लीः राष्ट्रपति भवन के मधुमक्खी पालन केन्द्र से शहद का उत्पादन शुरू हो गया है। मंगलवार को राष्ट्रपति भवन उद्यान से 186 किलोग्राम शहद निकाला गया। राष्ट्रपति भवन उद्यान में फूल-पौधे प्रचुर मात्रा में हैं। इनमें आम, जामुन, नीम और अमलतास के पेड़ शामिल हैं। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना और राष्ट्रपति के सचिव श्री संजय कोठारी शहद निकालने की प्रक्रिया के दौरान उपस्थित थे।
इसके पूर्व गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में शहद के बक्सों को निकाला गया और इन बक्सों से शहद संग्रह किया गया। फिर इसे बोतलों में पैक किया गया और इन पर राष्ट्रपति भवन नाम की पर्ची चिपकायी गयी। उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने शहद के स्वाद तथा शहद से बने लेमोनेड का आनंद लिया।
केवीआईसी ने राष्ट्रपति भवन के उद्यानकर्मियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें उन्हें मधुमक्खी पालन व रख-रखाव के बारे में जानकारी दी गयी। केवीआईसी ने राष्ट्रपति भवन में कई मधुमक्खी बक्सों को विभिन्न चरणों में स्थापित किया है। राष्ट्रपति के सचिव श्री संजय कोठारी ने जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रपति भवन की योजना विदेशी अतिथियों को उपहार स्वरूप शहद देना है।
केवीआईसी के अध्यक्ष श्री सक्सेना ने कहा कि मधुमक्खी पालन कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन उद्यान में उपस्थित 16 हजार फूल के पौधों व वृक्षों पर आधारित है। बड़ी संख्या में वृक्षों की उपस्थिति निकटवर्ती क्षेत्रों में परागन प्रक्रिया को बढ़ायेगा। मधुमक्खी पालन के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि शहद में खनिज तत्व, प्रोटीन और एंटीओक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। लोगों को मधुमक्खी पालन अपनाना चाहिए। श्री सक्सेना ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि दिल्ली में प्रधानमंत्री की ‘मीठी क्रांति’ भारत के प्रथम नागरिक के निवास स्थान से प्रारंभ हो रही है।
राष्ट्रपति भवन उद्यान में मधुमक्खी पालन केन्द्र की स्थापना केवीआईसी के हनी मिशन के तहत की गयी है।