नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम आदमी की भाषा में न्यायिक कार्य किये जाने पर बल दिया है। आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आवासीय और प्रशिक्षण परिसर ‘न्यायग्राम’ की आधारशिला रखने के बाद उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को न्याय उपलब्ध कराने के लिए न्यायालयों को सुनवाई टालने की आदत से परहेज करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता हमारे लोकतंत्र का आधार है। उन्होंने कहा कि समय से सभी को न्याय मिले, न्याय व्यवसथा कम खर्चीली हो और सामान्य आदमी की समझ में आने वाली भाषा में न्याय देने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने खासकर महिलाओं तथा कमजोर वर्ग के लोगों को न्याय दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है। श्री कोविंद ने कहा कि न्याय मिलने में देर होना भी एक तरह का अन्याय है। गरीबों के लिए न्याय प्रक्रिया में होने वाले विलंब का बोझ असहनीय होता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायिक ढांचे को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि न्यायग्राम परियोजना इलाहबाद उच्च न्यायालय की जरूरतें पूरी करने में मील का पत्थर साबित होगी।