नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान द्वारा आयोजित दूसरे फाउंडेशन पाठ्यक्रम के जनरल ड्यूटी चिकित्सा अधिकारियों (जीडीएमओ) ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद से से मुलाकात की।
चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में बीमारियों की प्रकृति बदलाव के दौर से गुजर रही है। हमें टीबी, मलेरिया और डेंगू जैसी फैलने वाली बीमारियों से निपटने के साथ – साथ अन्य बढ़ रही बीमारियों से भी निपटना होगा। स्वास्थ्य प्राथमिकताओं में परिवर्तन को देखते हुए सरकार एक दशक से अधिक समय के बाद एक संशोधित राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति लेकर आ रही है। इससे सभी को नए और आविष्कारी तरीकों से किफायती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापक स्तर पर स्वास्थ सेवाएं प्रदान करना हमारी सरकार का लक्ष्य है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन पूर्णतः चिकित्सा सेवाओं से जुड़े लोगों पर निर्भर है। इसके लिए समुदाय, गांव और जिला स्तर पर प्रभावी शासन की जरूरत है। श्री कोविंद ने कहा कि स्वास्थ्य उनके लिए महत्वपूर्ण विषय है, साथ ही देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। कई महत्वपूर्ण सरकारी पहलों जैसे कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और स्वच्छ भारत अभियान में उनके सहयोग और सेवा की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने चिकित्सकों को अपने मरीजों और उनकी चिंताओं को सक्रियता से सुनने की सलाह दी क्योंकि इससे मरीजों को मनोवैज्ञानिक लाभ मिलता है और वे जल्दी ठीक होते हैं।