नई दिल्लीः रियर एडमिरल मुकुल अस्थाना, एनएम को नई दिल्ली में सहायक मुख्य नेवल स्टाफ (एअर) के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्हें भारतीय नौ सेना की कार्यकारी शाखा में 1986 में कमीशन दिया गया था। वे नौ सेना अकादमी से स्नातक और उन्होंने 141 पायलट कोर्स किए हैं तथा उन्हें वायु सेना अकादमी में जून, 1988 को विंग प्रदान की गई थी। अनुभवी पायलट होने के तौर पर उन्होंने चार प्रकार के हवाई जहाज उडाए हैं और भारतीय नेवल एअर स्कवेड्रन 551, 550 और 310 आई डब्ल्यू में परिचालनिक तथा पर्यवेक्षी पदों पर भी काम किया है। उन्होंने सन 2000 में डिफेन्स सर्विसेस स्टाफ कॉलेज, वेलिंगडन में कमाण्ड और स्टाफ कोर्स किया है तथा 2009 में मुम्बई में हायर कमाण्ड कोर्स और नेवल वार कॉलेज में भी भाग लिया।
उन्होंने अगस्त 2009 से दिसम्बर, 2010 तक प्राथमिक नेवल एअर स्टेशन आईएनएस राजली का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने अत्याधुनिक बोइंग पी-8 आई लम्बी दूरी के टोही एएसडब्ल्यू एअर क्राफ्ट को शामिल करने के लिए योजना तैयार करने और उसे कार्यान्वित करने का कार्य किया। इस अवधि के दौरान नौसेना के हेलिकॉप्टर प्रशिक्षण विद्यालय से रिकार्ड संख्या में युवा पायलट स्नातक बने। उनकी स्टाफ नियुक्तियों में पूर्वी नेवल कमाण्ड विशाखापट्टनम के मुख्यालय में कमाण्ड एविएशन अधिकारी, नेवल एविएशन गोवा स्थित मुख्यालय में मुख्य स्टाफ अधिकारी (एअर) तथा नई दिल्ली स्थित नौ सेना मुख्यालय में प्रधान निदेशक नेवल एअर स्टाफ शामिल हैं। इन पदों पर कार्य करते हुए उन्होंने परिचालन, प्रशिक्षण तथा नेवल एविएशन के पहलूओं के आधुनिकीकरण में वृद्धि तथा इष्टतम बनाने के लिए विभिन्न मामलों और नीतियों को तेजी से कार्यान्वित किया।
उनकी परिचालनिक समुद्री कार्यावधि में ऑपरेशन विजय के दौरान मिसाइल कोरवेट आईएनएस नाशक, अपनी दो विश्व यात्राओं के दौरान जब भारत और उसकी नौसेना चार उपमहाद्विपों की 28 विदेशी बंदरगाहों में प्रतिनिधित्व कर रही थी, सेल ट्रेनिंग शिप आईएनएस तरंगिनी का नेतृत्व शामिल है, जहां पर जहाज ने 435 से अधिक भारतीय कैडेट्स तथा 80 विदेशी प्रशिक्षणार्थियों को महत्त्वपूर्ण नौसेना कोर वेल्यूस से नवाजा था। बाद में उन्होंने 21 माइन काउन्टर मैयर स्कवेड्रन तथा गाइडिड मिसाइल विनाशक आईएनएस राणा का नेतृत्व किया। सैनिक मामलों और नौसेना इतिहास में गहन रुचि रखने वाले विद्यार्थी के रुप में उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में स्नातकोत्तर तथा मुम्बई विश्वविद्यालय से सामारिक अध्ययन में दर्शन की स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने 2012 में राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय, ढाका, बंगलादेश से राष्ट्रीय सुरक्षा सामरिक पाठ्यक्रम भी लिया है।
जनवरी, 2016 में फ्लैग रैंक पर पदोन्नत होने पर रियर एडमिरल मुकुल अस्थाना ने नई दिल्ली में परियोजना वर्षा के महानिदेशक का कार्यभार संभाला जहां वह भारतीय नौसेना के लिए भावी अवसंरचना विकसित करने में संलिप्त रहे। उन्हें प्रतिष्ठित नौसेना पदक से तथा चीफ ऑफ नेवल स्टाफ और पूर्वी नेवल कमाण्ड के फ्लैग ऑफिसर कमाण्डिंग इन चीफ द्वारा सम्मानित किया गया है। उन्हें 2006 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा तेंज़िंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।