नई दिल्लीः रेल और कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल ने पांचवें पीएचडी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल द्वारा आयोजित ‘वैश्विक रेल सम्मेलन 2018’ का उद्घाटन किया। सम्मेलन की विषयवस्तु ‘वाष्प से बुलेट ट्रेन की नई विकास इको-प्रणाली’ – नवाचार: साझेदारी एवं चुनौतियां (यात्री एवं माल) थी।
इस अवसर पर श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुसार यात्रा को सुरक्षित सुनिश्चित करना उनका मुख्य उद्देश्य है। श्री गोयल ने कहा कि “भारतीय रेल में यात्रा करने वाले प्रत्येक यात्री का जीवन अनमोल है”। चूंकि सिग्नल ट्रेन की गतिविधियों को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्होंने शीघ्र ही सिग्नल सिस्टम को सुधारने के लिए कदम उठाए हैं। मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे में ईटीसीएस लेवल-2 / लेवल-1 प्रौद्योगिकी को शीघ्र ही शामिल किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर ऑर्डर देने से सस्ती कीमत का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय का उद्देश्य भारत के सभी नागरिकों को आधुनिक, नई और सुरक्षित रेल यात्रा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि दक्षता के साथ प्रतिस्पर्धा मंत्रालय में काम संस्कृति के लिए मुख्य मार्गदर्शक सिद्धांत है।
एक अनुमान के अनुसार ईटीसीएस सिग्नल प्रणाली प्रदान करने के परिणामस्वरूप रेलवे स्टेशनों को वाई-फाई कनेक्टिविटी सुविधा का लाभ प्राप्त करने की भी आवश्यकता होगी। रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की उपलब्धता आस-पास के नागरिकों को लाभ प्रदान करेगी। वे स्टेशनों के वाई-फाई कियोस्क का उपयोग अन्य कार्यों के साथ करने में सक्षम होंगे, जिससे उनके जीवन में रेलवे स्टेशन एक आकर्षक और उपयोगी विशेषता के रूप में उपलब्ध होगा।
रेलवे मंत्रालय द्वारा शुरू की गई अन्य पहलों का जिक्र करते हुए श्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलगाडियों के लिए केवल एलएचबी कोच बनाने का फैसला लिया गया है क्योंकि ये कोच काफी मजबूत और टिकाऊ होते हैं और किसी भी तरह की दुर्घटना को झेलने में सक्षम होते हैं। दुर्घटना की स्थिति में इनमें लोगों की मौत की संभावना बहुत कम रहती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसी कोशिश की जा रही है कि मुख्य रेलमार्गों पर स्थित मानव रहित फाटकों को मानवयुक्त बनाया जाए।
वैश्विक रेल सम्मेलन 2018 में रेलवे क्षेत्र में की गई पहल और संभावनाओं पर रेलवे बोर्ड का एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया। रेल पटरियों, सिग्नल प्रणाली, विद्युतीकरण तथा रोलिंग स्टॉक और माल ढुलाई, बाधा रहित माल ढुलाई के मल्टी मॉडलों के लिए बेहतर व्यवस्था विकसित करने पर पैनल चर्चाएं भी आयोजित की गईं। भारत में चेक गणराज्य और बेल्जियम के राजदूत भी इस अवसर पर उपस्थित थे।