नई दिल्ली: अखिल भारतीय यात्री सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर 182 रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) के डिवीजनल सुरक्षा नियंत्रण कक्षों से चलाई जा रही है। आरपीएफ कर्मी 24 घंटे इसकी निगरानी करते हैं। कठनाई के समय जो यात्री हेल्पलाइन पर संपर्क करता है उस स्थिति में उस अधिकार क्षेत्र का डिवीजनल सुरक्षा नियंत्रण कक्ष कार्रवाई करता है। शिकायत की प्रकृति, रेलगाड़ी/यात्री की स्थिति इत्यादि प्राप्त करके रेलगाड़ी के साथ चलने वाले स्टाफ के जरिए फौरन सहायता प्रदान की जाती है। दूसरी स्थिति में अगले स्टेशन पर जहां भी आरपीएफ या जीआरपी तैनात है, वहां उक्त सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा जिन शिकायतों के संदर्भ में पुलिस या रेलवे के अन्य विभागों की कार्रवाई आवश्यक होती है, उसके लिए हर संभव सहायता दी जाती है। आरपीएफ का स्टाफ यात्रियों से फिडबैक लेकर यात्री को दी जानी वाली सहायता का मूल्यांकन करता है। सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर 182 की शुरूआत से नवंबर 2017 तक कुल 37882 यात्रियों को सहायता प्रदान की गई।
यह प्रेस विज्ञप्ति रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहेन द्वारा लोकसभा में आज एक प्रश्न के दिए गए लिखित उत्तर पर आधारित है।