नई दिल्ली: कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय का प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) 20-21 अप्रैल, 2017 को लोक सेवा दिवस 2017 का आयोजन करेगा। 20 अप्रैल, 2017 को उद्घाटन सत्र में गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 21 अप्रैल, 2017 को लोक सेवा दिवस 2017 के उपलक्ष्य में लोक प्रशासन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार प्रदान करेंगे।
20 अप्रैल को पहले दिन आम सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें ‘सरकार में मानव पूंजी प्रबंधन के माध्यम से मूल्य सृजन’ पर चर्चा होगी। इस सत्र की अध्यक्षता पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह करेंगे। इस सत्र में भाग लेने वाले अन्य पेनेलिस्टों में डीओपीटी के सचिव श्री बी. पी. शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सचिव सुश्री अरुणा सुंदरा राजन, एऑन हेविट के कार्यकारी अधिकारी श्री संदीप चौधरी और ओमिडयार नेटवर्क इंडिया एडवाइजर्स की प्रबंध निदेशक सुश्री रूपा कुदवा शामिल हैं। इस सत्र में मानव पूंजी की चुनौतियों की पहचान, प्रक्रियाओं के सुधार में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल तथा रचनात्मकता एवं नवाचार की क्षमता को बढ़ाने संबंधी उपायों पर चर्चा की जाएगी।
डीएआरपीजी ने ‘सरकार में मानव पूंजी प्रबंधन के माध्यम से मूल्य सृजन’ पर जिलाधिकारियों से फीडबैक प्राप्त किए हैं। इसके अलावा प्राथमिक पहलों संबंधी प्रश्नावली पर जवाब भी प्राप्त किए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मार्च, 2017 को आयोजित बैठक के दौरान निर्देश दिया था कि मानव संसाधन के सर्वाधिक उपयोग तथा कार्यकुशल सक्षम प्रशासनिक ढांचे पर सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के जिलाधिकारियों के सुझाव मांगे जांए ताकि देश के नागरिकों की आकांक्षाओं और बदलती जरूरतों के मद्देनजर दिशा तय की जा सके। इन सुझावों के केंद्र में मानव पूंजी संबंधी चुनौतियों पर विचार करना और उनका कारगर हल सुझाना था। प्रधानमंत्री महोदय के निर्देशों के अनुरूप सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के जिलाधिकारियों से आग्रह किया गया था कि वे उपरोक्त विषय पर अपने विचारों और सुझावों को पीएम अवार्ड पोर्टल पर भेंजे। इस पोर्टल को डीएआरपीजी ने विकसित किया है। देश भर के जिलाधिकारियों से संपर्क किया गया और उनके साथ ‘सरकार में मानव पूंजी प्रबंधन के माध्यम से मूल्य सृजन’ की पृष्ठभूमि को साझा किया गया। इसके अलावा पत्रों, कॉल सेंटर, सोशल मीडिया, वीडियो कांफ्रेंस आदि का भी प्रयोग किया गया। 533 जिलाधिकारियों ने अपने सुझाव भेजे हैं। जिलाधिकारियों ने संसाधन उपयोगिता, प्रक्रिया का सरलीकरण, प्रौद्योगिकी क्षमता और नवाचार प्रोत्साहन के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर सुझाव दिए हैं।
जिलाधिकारियों द्वारा प्राप्त विचारों और सुझावों की समीक्षा डीएआरपीजी सचिव, डीओपीटी सचिव और एमईआईटी-वाई निदेशक की एक समिति ने की है, जिसमें डीएआरपीजी अपर सचिव और डीएआरपीजी संयुक्त सचिव ने सहायता की। इन विषयों और सुझावों पर 20 अप्रैल, 2017 को ‘सरकार में मानव पूंजी प्रबंधन के माध्यम से मूल्य सृजन’ विषयक सत्र में चर्चा की जाएगी।
लोक प्रशासन 2017 में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान अपर सचिवों की अध्यक्षता वाली जांच समितियों ने मंत्रालयों / विभागों के परामर्श और आवेदकों की प्रस्तिुतियों और कॉल सेंटर के माध्यम से प्राप्त नागरिकों के फीडबैक के अनुसार चिन्हित मानकों के आधार पर 55 पहलों की सूची तैयार की।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सूची में शामिल पहलों को आईएएस के 2013-16 बैचों के साथ साझा करने का निर्देश दे दिया क्योंकि ये कार्यक्रम सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों को कारगर ढंग से लागू करने और लोक प्रशासन में नवाचार के लिए विभिन्न जिलों/राज्यों में चलाए गए व्यवहारों को दिखाते हैं। उद्देश्य अधिकारियों को केस स्टेडी से अवगत कराना है ताकि वे काम के विभिन्न क्षेत्रों में समझदारी से अपने विचार और दृष्टिकोण को सक्रिय बनायेंगे। प्रधानमंत्री के निर्देश के बाद चयनित कार्यक्रम डीएआरपीजी वेब पोर्टल (link: http://darpg.gov.in and http://darpg.wooaer.com/) के माध्यम से 2013-16 के आईएस बैचों के साथ साझा किये गये। आईएस अधिकारियों से अनुरोध किया गया कि सभी मामलों का अध्ययन करें और जिला कलेक्टरों/ मजिस्ट्रेटों या फील्ड अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करें और ऑनलाइन प्रश्नावली के माध्यम से कार्यक्रमों को लागू करने पर अपने सुझाव प्रस्तुत करें। डीएआर और पीजी सभी अधिकारियों तक कॉल, सोशल मीडिया और वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम के बारे में संवेदी बनाने के लिए पहुंच स्थापित की। इस अभ्यास में कुल 615 अधिकारी शामिल हुए और उन्होंने ऑनलाइन सुझाव प्रस्तुत किये। केस स्टेडी की समीक्षा और अपने उत्तर प्रस्तुत करने में युवा आईएएस अधिकारियों ने कुल 2,150 घंटे दिये। उत्तरों से यह स्पष्ट हुआ कि कृषि संबंधी प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में अधिकारियों की समझदारी बेहतर रही और उनकी सबसे अच्छी समझदारी ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नैम) पर रही। उत्तरों से युवा अधिकारियों का उत्साह और प्रेरणा की झलक मिलती है। 20 अप्रैल, 2017 को तीन अलग-अलग सत्रों में इन बातों पर विचार किया जायेगा। अलग-अलग सत्र उद्घाटन सत्र के बाद कृषि, ऊर्जा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता पर होंगे।
कृषि क्षेत्र में प्राथमिकता वाले तीन कार्यक्रम-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई),प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफपीबाई) तथा ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई नैम)- को लोक प्रशासन 2017 में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री के पुरस्कार के अंतर्गत चिन्हित किया गया। युवा अधिकारियों ने सिंचाई व्यवहारों के ज्ञान में कमी और अत्याधुनिक उपकरणों की अनुउपलब्धता जैसी किसानों की प्रमुख चुनौतियों के बारे में राय दी। किसानों की अन्य समस्याओं में बीमा दावे की जटिल प्रक्रिया तथा मौसम पूर्वानुमान और उत्पादों को बेचने के लिए स्थानीय व्यापारियों और आयोग एजेटों पर निर्भरता शामिल हैं। कौशल विकास और उद्यमशीलता क्षेत्र में दो प्रमुख कार्यक्रमों- स्टैंडअप इंडिया और स्टार्टअप इंडिया को लोक प्रशासन 2017 में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए चिन्हित किया गया। ऊर्जा क्षेत्र में लोक प्रशासन 2017 में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए एक कार्यक्रम दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना को चिन्हित किया गया। युवा अधिकारियों ने इन कार्यक्रमों को लागू करने के लिए अपनी राय दी।
कृषि पर अलग सत्र की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चन्द करेंगे और इसमें एनसीडीईएक्स के निर्देशक श्री रबि नारायण दास, जैन इरिगैशन सिस्टम लिमिटेड के उपाध्यक्ष और प्रबंध निर्देशक श्री अनिल बी जैन, प्रमुख कृषि वैज्ञानिक श्री आर बी सिंह, किसान श्री गेनाभाई दरगाभाई पटेल तथा सब्जी वाला डॉटकॉम के सह-संस्थापक और सीईओ श्री प्रवेश शर्मा भाग लेंगे।
ऊर्जा पर अलग सत्र की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य श्री विवेक डेबरॉय करेंगे और इस सत्र में आईआईटी मद्रास के इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला, ऊर्जा पर्यावरण तथा जल परिषद की सीईओ डॉ. अरुणभा घोष और सेल्को इंडिया के प्रबंध निदेशक डॉ. हरिश हांडे भाग लेंगे। कौशल विकास और उद्यमशीलता पर अलग सत्र की अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविंद पनगडि़या करेंगे और इस सत्र में टीमलीज के अध्यक्ष श्री मनीष सभरवाल आईएल एंड एफएस एजुकेशन एंड टेक्नॉलोजी सर्विसेज के प्रबंध निदेशक श्री आरसीएम रेड्डी,सेंचुरियन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलोजी एंड मैनेजमेंट के सह- संस्थापक और अध्यक्ष प्रोफेसर मुक्ति मिश्रा, टीएमआई नेटवर्क के प्रबंध निदेशक श्री टी मुरलीधरन तथा दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड एंडट्रीज (डीआईसीसीआई) के अध्यक्ष श्री मिलिंद कामले शामिल होंगे।