नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारत के लोगों को यह जानने का अधिकर है कि सर्वोच्च स्तर पर किस प्रकार निर्णय लिये जाते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए क्या आवश्यक है। वह आज यहां श्री नितिन गोखले द्वारा लिखी पुस्तक ‘‘सिक्योरिंग इंडिया द मोदी वे’ के विमोचन के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष राम राव भामरे तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि यह पुस्तक राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विदेश नीति पहलों के बारे में एनडीए सरकार के सर्वाधिक अंतरंग एवं व्यापक विवरण दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक आंतरिक ज्ञापनों, जोकि अभी तक वर्गीकृत सूचना है, राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के प्रमुख व्यक्तियों के साथ सैकड़ों घंटों के साक्षात्कारों तथा उनके नोट्स के आधार पर श्री गोखले ने सरकार में सर्वोच्च स्तर पर लिये जाने वाले निर्णयों की अंदरूनी कहानियों को सजीव बना दिया है।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि इस पुस्तक में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना एवं उसके कार्यान्वयन के अब तक के अनछुए पहलुओं, चीन एवं पाकिस्तान को लेकर भारत की नीति फेरबदल, मध्य-पूर्व पर भारत की नई वैश्विक नीति का फोकस, दुनिया भर में भारतीय प्रवासियों से देश के लिए लाभ प्राप्त करने की प्रधानमंत्री की कोशिशें, जमीन, अंतरिक्ष, साइबर तथा सामुद्रिक क्षेत्रों में भारत को सुरक्षित बनाने की हरसंभव कोशिश के लिए दूरगामी कदमों पर घ्यान केन्द्रित किया गया है।
उपराष्ट्रपति महोदय ने कहा कि आतंकवाद का मुद्दा दुनिया भर में सरकार की विदेश नीति का मुख्य हिस्सा है। उन्हेांने यह भी कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, यह मानवता के लिए खतरा है और दूसरों से परस्पर संवाद करते समय हमें संवेदनशील और मानवीय होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर तनाव का वातावरण है तो कभी भी विकास की ओर ध्यान नहीं दिया जासकता। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है और बुलेट से वह बदलाव नहीं आ सकता, जो बैलेट से आ सकता है।