देहरादून: वनो को वनाग्नि से बचाव के लिए जनपद देहरादून में राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के सहयोग से वन विभाग,राजस्व विभाग,पुलिस विभाग, एन.डी.आर.एफ. एस.डी.आर.एफ, आई.टी.वी.पी. होमगार्ड, पी.आर.डी., सिविल डिफेस, स्वास्थ्य विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, जल संस्थान, लो.नि.वि. विद्युत विभाग आदि विभागों के संयुक्त तत्वाधान में वनो को आग से बचाने के लिए माॅक अभ्यास किया गया।
ज्ञातव्य है कि मसूरी वन प्रभाग के कन्ट्रोल रूम से वायरलैस के माध्यम से आपदा प्रबन्ध कन्ट्रोल रूम देहरादून को 9.30 बजे सूचना दी गई की रायपुर वन प्रभाग क्षेत्र सोडा-सरोली थानों के जंगल में आग लगने की सूचना दी गई जिस पर आपदा कन्ट्रोल रूम देहरादून द्वारा जनपद के सभी अधिकारियों को वनाग्नि की सूचना की गई। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी रविनाथ रमन सहित जनपद के सभी जिला स्तरीय अधिकारी आपदा कन्ट्रोल रूम पंहुचे जहां से महाराणा स्र्पोटस कालेज में बनाये गये स्टेजिंग एरिया में सभी अधिकारी अपने -अपने विभागों के उपकरणों सहित पंहूचे।
आपदा कन्ट्रोल रूम को वायरलैस केे माध्यम से सूचना दी गई की सौडा-सरोली रायपुर के जंगल में जो आग लगी है वह गांव की ओर तेजी से फैल रही है जिसमें अवगत कराया गया कि गाव के लगभग 10-12 लोग तथा कुछ पशु भी आग में फसे है। जिस पर स्टेजिग एरिया से राहत बजाव कार्य हेतु फायर टीम डाक्टर की टीम, तथा पशु चिकित्सकों की टीम सहित वन विभाग,राजस्व विभाग,पुलिस विभाग, एन.डी.आर.एफ. एस.डी.आर.एफ, आई.टी.बी.पी. होमगार्ड, पी.आर.डी., सिविल डिफेस, के जवनों का रैसक्यू आरेशन के लिए भेजा गया। जिस पर सभी टीमों के सहयोग से आग पर काबू पाया गया इसमें आग की चपेट में आने से ज्याद घायल हुए 3 व्यक्तियों को कोरोनेशन अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रायपुर एवं दून चिकित्सालय को उपचार हेतु भेजा गया। आंशिक रूप से घायलों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर उनके घर भेजा गया । तथा आग से घायल हुए 4 पशुओं का मौके पर ही उपचार किया गया।
जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने वनाग्नि क्षेत्र सोडा- सरोली में पंहुचकर वहां किये जा रहे रैसक्यू आपरेशन का जायला लिया। इस अवगर पर उन्होने कहा कि गर्मी के मौसम में वनों में आग लगने की घटनाएं बढ जाती हैं इसमें पहले वन विभाग के अधिकारियों एव कर्मचारियों द्वारा ही आंग बुझाने का कार्य किया जाता था जिससे कार्मिकों एवं अन्य संसाधनों की कमी के कारण आग पर काबू नही पाया जाता जिससे वनों को काफी नुकसान हो जाता था। उन्होने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशन में जिस प्रकार आपदा के समय सभी विभागों के समन्वय से बचाव कार्य किया जाता है इसी तरह वनों में आग लगने पर इसमें सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए वनों में लगने वाली आग को रोकने कें कार्य में सहयोग करेगें। उन्होने कहा कि इससे वनाग्नि को रोका जायेगा तथा वनाग्नि के कारण क्षेत्र के लोग एवं पशुओं की अकाल मुत्यु हो जाती थी उस पर भी अब काबू पाया जायेगा।
उन्होने यह भी कहा कि इस माॅक अभ्यास के दौरान कुछ कमियां पाई गई है, जिसमें एन्ट्री फायर, बूट, माक्स, गैस माक्स एवं अन्य संसाधनों कमी को जल्द ही दूर किया जायेगा। इसके लिए जिला योजना के माध्यम से उक्त सामग्री क्रय कर आपदा प्रबन्धन कार्यालय को उपलब्ध करा दिया जायेगा।
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी, (से.नि.) मे. जनरल/वरिष्ठ परामर्शदाता राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण नई दिल्ली वी.के. दत्ता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वीटी अग्रवाल, मेजर अरूण, मुख्य विकास अधिकारी बंशीधर तिवारी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन हरबीर सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल, पुलिस अधीक्षक नगर अजय सिंह, पुलिस अधीक्षक यातायात धीरेन्द्र गुज्याल, प्रभागीय वनाधिकारी, देहरादून, मसूरी, कमान्डेंट होमगार्ड, सिविल डिफेंस से श्री बौंथियाल, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी दीपशिखा रावत, सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।