नई दिल्ली: केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु सातवीं एशिया यूरोप आर्थिक मंत्रियों की बैठक एवं भारत कोरिया आर्थिक भागीदारी समझौते की तीसरी संयुक्त मंत्रीस्तरीय समीक्षा बैठक में भाग लेने के लिए 21 सितम्बर को कोरिया गणराज्य पहुंचे। वर्तमान कार्यभार ग्रहण करने के बाद मंत्री महोदय की यह दूसरी यात्रा है।
22 सितम्बर को सातवीं एशिया यूरोप आर्थिक मंत्री स्तरीय बैठक में श्री सुरेश प्रभु ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष व्यापार के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने विश्व व्यापार संगठन में निहित स्वतंत्र एवं निष्पक्ष व्यापार के समक्ष आने वाली चुनौतियों का जिक्र भी किया। उन्होंने आपसी भागेदारी और सम्मान की भावना के लिए समान हितों के वैश्विक मुद्दों को उठाने के लिए एशिया यूरोप आर्थिक मंत्री स्तरीय बैठक की सराहना भी की। उन्होंने यह भी कहा कि भारत विश्व के समक्ष निवेश के प्रमुख स्थल के रूप में उभर रहा है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने इस बैठक के अतिरिक्त फ्रांस के वित्त मंत्री श्री बैंज्मिन ग्रीवैक्स, नॉर्वे की मत्स्य उद्योग एवं व्यापार मंत्री सुश्री डिलैक आईह्न डेनमार्क के विदेश मामलों के मंत्रालय की व्यापार मंत्री सुश्री सुजैन हाईल्डलैंड और स्पेन के व्यापार और आर्थिक विकास मंत्री श्री जॉस लुईस कैसर से चर्चा की। बाद में मंत्री महोदय ने कोरिया की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षता सुश्री चू मिंआई से मुलाकात की और मई 2017 में राष्ट्रपति मून जई-इन के प्रशासन पदभार संभालने के बाद दोनों देशों के संबंधों में हुई प्रगति पर चर्चा की। सुश्री चू ने कहा कि राष्ट्रपति श्री मून भरत के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार चाहते हैं। सुश्री चू ने भारत को वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में एक चमकता हुआ सितारा बताया और कहा कि भारत तेजी से इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। बाद में श्री प्रभु कोरिया के प्रतिष्ठित मीडिया हाउस चो सुन ईबो गए जहां उन्होंने अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री बैंक सैंक हून से मुलाकात की और आपसी आर्थिक संबंधों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने यह भी कहा कि वे अगला भारत-कोरिया व्यापारिक सम्मेलन शीघ्र आयोजित करे जिसमें द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और मजबूत करने के विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया जाए। 21 सितम्बर को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु कोरिया के वरिष्ठि प्रतिष्ठित उद्योग जगत के विभिन्न उद्योगपतियों से मिलें। इनमें सेमसंग, कियामोटर्स, लौट्टे, कुम्हों आसियाना, हुंडई इलेक्ट्रिक, पोस्को एल एस ग्रुप, टोरे कैमिकल सी जे लाज्सिटिक, तौंगयांग, मूलसंघ के प्रतिनिधि शामिल थे। इस दौरान इन उद्योगपतियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श हुआ। इस बैठक में कोरिया के उद्योगपतियों की बड़ी संख्या यह सूचित कर रही थी कि वे भारत में अपना उद्योग बढाने के इच्छुक हैं।