नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने गंगा नदी बेसिन के दो बड़े शहरों वाराणसी और हरिद्वार में हाईब्रिड वार्षिक मोड आधारित सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के अंतर्गत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण और मरम्मत का काम निजी क्षेत्र को प्रदान किया है। अपनी तरह के इस पहले हाईब्रिड वार्षिक मोड आधारित सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के अंतर्गत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण का काम शुरू हो गया है। वाराणसी में 153.16 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले 50 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण, परिचालन और मरम्मत का काम भारतीय अवसंरचना कंपनी, ईसेल इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड को दिया गया है। हरिद्वार में 171.53 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले कुल 82 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता (जगजीतपुर में 68 एमएलडी + सराय में14 एमएलडी) वाले इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण, परिचालन और मरम्मत का काम एचएनबी इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। यह परियोजना सुनिश्चित करेंगी कि गंगा नदी में सीवरेज का अशोधित पानी ना जाये।
हाईब्रिड वार्षिक मोड आधारित सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के आरंभ से कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय कंपनियों ने एनएमसीजी की परियोजनाओं में रूचि दिखाई है। बाजार में मौजूद कंपनियों के साथ वार्ता और बैठकों ने बड़ी संख्या में प्रतिभागियों को आकर्षित किया। 30 से ज्यादा कंपनियों ने वाराणसी और हरिद्वार परियोजनाओं के लिए बैठक में बोली से पहले रूचि दिखाई है। कंपनी का चुनाव 15 वर्षों की अवधि के लिए अवसंरचना के विकास, परिचालन की न्यूनतम बोली के आधार पर किया गया।
भारत सरकार को हाईब्रिड वार्षिक मोड आधारित सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषण के साथ जनवरी 2016 में कैबिनेट का अनुमोदन मिल गया। इस मॉडल के अंतर्गत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण, परिचालन और मरम्मत का काम एक विशेष उद्देश्य वाहन (एसपीवी) की सहायता से किया जाएगा। जिसका निर्माण क्षेत्रीय स्तर पर ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी द्वारा किया जाएगा। इस मॉडल के अनुसार 40 प्रतिशत लागत उद्धृत राशि का भुगतान निर्माण कार्य पूरा होने पर किया जाएगा जबकि बकाया 60 प्रतिशत लागत राशि का भुगतान वार्षिक परिचालन और मरम्मत लागत (ओएंडएम) खर्च, परियोजना की अवधि के अनुसार किया जाएगा।
इस मॉडल की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि वार्षिक और परिचालन और मरम्मत (ओएंडएम) भुगतान दोनों सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के प्रदर्शन से जुड़े हुए हैं। बेहतर जवाबदेही, स्वामित्व और सर्वोत्तम प्रदर्शन से परिसंपत्तियों का बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित होगा। देश में पहली बार हाईब्रिड वार्षिक मोड आधारित सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) मॉडल को सीवरेज प्रबंधन क्षेत्र में अपनाया गया है। पहले भी इस तरह के मॉडल को हाइवे क्षेत्र में सफलता पूर्वक अपनाया गया है।