नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि अध्यापकों की भूमिका विद्यार्थियों के निर्माण और समाज के लिए निर्णायक होती है। वे आज हैदराबाद में श्री सरस्वती विद्यापीठ में पूर्व छात्रों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। तेलंगाना की विधान परिषद के अध्यक्ष के.स्वामी.गौंड एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कक्षा मां की कोख के समान होती है। प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा को महत्व देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ज्ञान की प्राप्ति होती है। अध्यापकों को अपने विद्यार्थियों को ज्ञान, दान एवं सद्भाव की शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। अध्यापकों को अपने विद्यार्थियों को तर्क एवं वैज्ञानिक तथ्यों से युक्त ऐसी शिक्षा देनी चाहिए जिससे उनका विकास हो।
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि किसी को भी भारत को सहिष्णुता के विषय पर ज्ञान देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सहनशीलता भारतीय संस्कृति में समाहित है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी माता, जन्मभूमि, मातृभाषा और मातृभूमि को याद रखना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने अनुरोध किया कि सभी को पर्यावरण की रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए।