लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अधिकारियों कोपावर ग्रिड कारपोरेशन आॅफ इण्डिया और राज्य सरकार के बीच संयुक्त उपक्रम गठित करने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को राज्य हित में कोई भी कदम उठाने में संकोच नहीं है। राज्य सरकार नयी उद्योग नीति बना रही है। साथ ही, प्रदेश में कई चीनी मिलों की स्थापना भी होने जा रही है। नई उद्योग नीति के लागू हो जाने के बाद राज्य में औद्योगीकरण की गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी, जिससे विद्युत ऊर्जा की मांग में भी बढ़ोत्तरी होगी। इसके दृष्टिगत यह सुनिश्चित किया जाए कि विद्युत ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त क्षमता की पारेषण और वितरण लाइनें उपलब्ध हों।
मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में पावर ग्रिड कारपोरेशन आॅफ इण्डिया के एक प्रस्तुतिकरण के दौरान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने पावर ग्रिड कारपोरेशन के अधिकारियांे को निर्देश दिये कि वाराणसी में आई०पी०डी०एस० के तहत संचालित कार्याें को समयान्तर्गत पूरा करने के लिए जनसंसाधन को बढ़ाया जाए। पावर ग्रिड के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री जी को बताया गया कि आगरा में निर्मित कराये जा रहे सब-स्टेशन को एक-दो दिन में, मैनपुरी के सब-स्टेशन को जुलाई, 2017 में तथा रायबरेली में बन रहे सब-स्टेशन को जुलाई-अगस्त, 2017 में पूरा कर लिया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री की अपेक्षानुसार पावर ग्रिड कारपोरेशन के अधिकारियों ने सी०एस०आर० के तहत वाराणसी को 31 दिसम्बर, 2017 तक ओ०डी०एफ० (खुले में शौचमुक्त) करने पर अपनी सहमति भी व्यक्त की।
बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा ने बताया कि राज्य सरकार विद्युत क्षेत्र में निर्माण कार्याें को अपने स्रोतों अथवा काॅम्पेटेटिव बिडिंग के माध्यम से कराती है। पावर ग्रिड कारपोरेशन और राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम के गठन से राज्य सरकार को अंशपूंजी की बचत होगी। पावर ग्रिड कारपोरेशन के अनुभव का लाभ भी मिलेगा। इसके अलावा, कार्य निष्पादन के लिए ऋण की आवश्यकता होने पर पावर ग्रिड कारपोरेशन और राज्य सरकार के संयुक्त उपक्रम को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश के जिन गांवों में पहले अंधेरा रहता था, वहां अब उजाला दिखायी देता है। पहले केवल 5 वी०आई०पी० जनपदों में विद्युत आपूर्ति की अच्छी व्यवस्था थी, जबकि वर्तमान सरकार प्रदेश के सभी जिलों में समान रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि बिजली का इस्तेमाल तो सभी कर रहे हैं, लेकिन भुगतान कुछ लोग ही कर रहे हैं। राज्य में सभी उपभोक्ताओं को मीटर्ड बिजली दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बकाया विद्युत बिलों की वसूली के लिए गम्भीरता से प्रयास किये जाएं। बकाएदारों की सूची बनाकर वसूली की जाए। फील्ड में अच्छे और दक्ष अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए।
योगी जी ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बिजली की उपलब्धता आवश्यक है, क्योंकि इससे कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलता है, जोकि रोजगार हेतु होने वाले पलायन को रोकने में सहायक है। ग्रामीण क्षेत्रों में 10 प्रतिशत से कम लाइन लाॅस होने पर राज्य सरकार 24 घण्टे बिजली उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति के फीडर को भी अलग-अलग करके व्यवस्थित किया जाना चाहिए। बिजली की खपत कम करने में एल०ई०डी० स्ट्रीट लाइट की बड़ी भूमिका को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार स्ट्रीट लाइट्स की परम्परागत व्यवस्था के स्थान पर एल०ई०डी० स्ट्रीट लाइट का उपयोग बढ़ाने के लिए गम्भीरता से काम कर रही है। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव ऊर्जा सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, पावर ग्रिड कारपोरेशन आॅफ इण्डिया के प्रबन्ध निदेशक एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।