नई दिल्ली: हर घर में बिजली पहुंचाने के सरकारी मिशन को और ज्यादा बढ़ावा देने तथा ग्रामीण युवाओं को सशक्त करने के लिए विद्युत मंत्रालय ने आज कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ भागीदारी की, ताकि अपनी ‘सौभाग्य’ योजना के त्वरित क्रियान्वयन के लिए छह राज्यों में श्रम बल को प्रशिक्षित किया जा सके।
सौभाग्य (प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना) का लक्ष्य समयबद्ध ढंग से देश के सभी हिस्सों में अवस्थित समस्त घरों में बिजली पहुंचाना है। इस योजना के तहत लगभग 4 करोड़ घरों में बिजली पहुंचाए जाने की आशा है।
केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र
प्रधान का धन्यवाद करते हुए केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर. के. सिंह ने कहा कि इस भागीदारी से काफी मदद मिलेगी क्योंकि प्रशिक्षित श्रम बल का अभाव ‘सौभाग्य’ के तहत सरकार के विद्युतीकरण कार्यक्रम के त्वरित क्रियान्वयन में मुख्य बाधा है। उन्होंने कहा कि विद्युत क्षेत्र के विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए बड़ी संख्या में प्रशिक्षित श्रम बल की आवश्यकता है और अकेले ‘सौभाग्य’ के लिए 35,000 से भी अधिक प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब यह प्रशिक्षित श्रम बल उपलब्ध हो जाएगा तो इससे विद्युतीकरण के हमारे दैनिक लक्ष्यों की पूर्ति में हमें काफी मदद मिलेगी।
इस अवसर पर श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि ‘सौभाग्य’ एक ऐसी योजना है जिसमें 16,000 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च आएगा और इसमें से 25 प्रतिशत को इस परियोजना के लिए तैनात किए जाने वाले मानव संसाधन एवं उनके पारिश्रमिक पर खर्च किए जाने का अनुमान है। उन्होंने कहा, ‘यह कुशल श्रम बल के लिए एक बड़ा रोजगार अवसर है और हम देश भर में विद्युत मंत्रालय के साथ मिलकर काम करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम अपने युवाओं के लिए इस अवसर से लाभ उठा सकें और उनकी आजीविका को बेहतर करने में उनकी मदद कर सकें।’
राज्यों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस भागीदारी का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर राज्य सरकारों के मंत्रियों सहित अनेक जाने-माने गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इन दोनों मंत्रियों ने इस परियोजना में समुचित सहयोग सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय चुनौतियों और लक्ष्यों पर विचार-विमर्श किया, ताकि सर्वोत्तम नतीजा संभव हो सके।
उपर्युक्त स्कीम सरकार की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत एक विशेष परियोजना है। विद्युत क्षेत्र की जरूरतों की पूर्ति के लिए लगभग 47,000 वितरण लाइनमैन- मल्टी स्किल और 8500 तकनीकी सहायकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस परियोजना को क्रियान्वित कर रहे ठेकेदारों द्वारा जिस श्रम बल से पहले से ही काम लिया जा रहा है उस पर कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए सबसे पहले विचार किया जाएगा। यदि यह श्रम बल अपर्याप्त होता है तो कम पड़ने वाले श्रम बल की पूर्ति स्थानीय आईटीआई से पास करने वाले आईटीआई इलेक्ट्रिशियन से की जाएगी।