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विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता पर जवाब देने के लिए 30 दिन का समय बढ़ाया

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत का विधि आयोग समान नागरिक संहिता विषय की जांच कर रहा है। आयोग ने व्‍यक्तियों/संगठनों (सरकारी और गैर-सरकारी) से अनुरोध किया है कि वे 19 मार्च, 2018 की उसकी सार्वजनिक अपील के जरिएसमान नागरिक संहिता (तीन तलाक से जुड़े विषय को छोड़कर, जो संसद के समक्ष लंबित है) से जुड़े किसी भी विषय पर परामर्श/विचार/ कार्यप्रणाली दस्‍तावेजों के रूप में अपने निवेदन भेजे। उच्‍चतम न्‍यायालय ने समीना बेगम बनाम भारत सरकार और अन्‍य [डब्‍ल्‍यूपी (सी) संख्‍या 202, 227 और 235 के साथ डब्‍ल्‍यूपी (सी) संख्‍या 00022/2018] मामले में बहु विवाह प्रथा, निकाह हलाला, निकाह मुताह और निकाह मिसयार के प्रचलित चलन से जुड़ी एक याचिका स्‍वीकार की है।

इस पर लगातार प्राप्‍त जबरदस्‍त प्रतिक्रियाओं और अनेक साझेदारों द्वारा उपरोक्‍त परामर्श/विचार/कार्यप्रणाली दस्‍तावेजों के निवेदन के लिए समय की अवधि बढ़ाने के आग्रह पर विचार करने के बाद विधि आयोग का मानना है कि उत्तर प्राप्‍त करने के लिए इस अवधि को 19 मार्च, 2018 को की गई अपील में दी गई 6 मई, 2018 की तारीख से अतिरिक्‍त 30 दिन बढ़ा दिया जाए। सम्‍पर्क के लिए पता है: सदस्‍य सचिव, विधि आयोग, चौथी मंजिल, लोक नायक भवन, खान मार्केट, नई दिल्‍ली-110003 अथवा ईमेल 1ci-dla@nic.in

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