देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वैश्य समाज, डोईवाला द्वारा आयोजित डोईवाला के रत्नों का सम्मान समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। अपने सम्बोधन में कार्यक्रम के आयोजन के लिए पूरे पैसे समाज को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने उत्तराखंड में बेटियों की घटती संख्या को चिन्ताजनक बताते हुए कहा कि जिस प्रकार से बेटियों की संख्या लगातार घट रही है, यह एक बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि यदि बेटियों की संख्या इसी प्रकार लगातार घटती रही, तो एक दिन राज्य का स्वरूप ही बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के सबसे अधिक लिंगानुपात वाले राज्य हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत की गई और 1 वर्ष बाद ही उसके बहुत अच्छे परिणाम निकले। अब हम सब का सामाजिक दायित्व है कि हम बेटी के पैदा होने पर उस घर में जाकर बधाई दें एवं उस घर में वृक्षारोपण करके उस परिवार को सम्मानित करें। इससे बेटियों के साथ साथ वृक्षारोपण को भी प्रोत्साहन मिलेगा। पिछले साल से आयोजित हरेला पर्व इसका एक अच्छी शुरुआत है। राज्य सरकार 16 जुलाई 2017 से 16 अगस्त 2017 तक वृक्षारोपण का सघन अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने राज्यभर में पानी के घटते जलस्तर को भी एक बहुत बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि यदि धरती रिचार्ज नहीं होगी तो पानी कहां से आएगा। राज्य सरकार जल संवर्धन के लिए लगातार प्रयास कर रही है। हमने प्रत्येक जिले को 20 करोड़ लीटर पानी संचय करने का लक्ष्य दिया है। उन्होने उपस्थित जनता से अनुरोध किया कि वे नये भवनों के निर्माण में वाटर हार्वेस्टिंग को प्रमुखता से जगह दें।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमें हमारी नदियों को पुनर्जीवित करने की भी आवश्यकता है। महाराष्ट्र एवं राजस्थान में नदियों को पुनर्जीवित किया गया है। हमें अपने राज्य में भी नदियों को पुनर्जीवित करना है। उन्होंने आगे कहा कि उन सब के साथ-साथ हमें एक और अभियान चलाए जाने की आवश्यकता ह,ै वह है साक्षरता। हमें शत प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य हासिल करना है, इसके लिए हमें अपने आसपास के लोगों को साक्षर बनाने का कार्य करना होगा। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल भी उपस्थित थे।