लखनऊ: मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा शिक्षा मित्रों के सम्बन्ध में 25 जुलाई 2017 को पारित आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। मा0 सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया हैः-
“In the peculiar fact situation, they ought to be given opportunity to be considered for recruitment if they have acquired or they now acquire the requisite qualification in terms of advertisements for recruitment for next two consecutive recruitments. They may also be given suitable age relaxation and some weightage for their experience as may be decided by the concerned authority. Till they avail of this opportunity, the state is at liberty to continue them as shiksha Mitras on same terms on which they were working prior to their absorption, if the State so decides.”
इसके अनुपालन में राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों को शिक्षक बनने का मौका, टी.ई.टी. कराकर शिक्षक भर्ती में 2.5 अंक प्रतिवर्ष अधिकतम 25 भारांक देते हुए लाभान्वित किया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा माह अक्टूबर 2017 में टी.ई.टी. परीक्षा का आयोजन कराकर ऐसे सभी शिक्षामित्रों को अनिवार्य अर्हता प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान किया जाएगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा के आयोजन के पश्चात् परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर चयन हेतु यथोचित संख्या में रिक्तियों का विज्ञापन माह दिसम्बर, 2017 में प्रकाशित कराया जाएगा तथा सभी पात्र अभ्यर्थियों को आवेदन करने का अवसर दिया जाएगा। तब तक सभी शिक्षा मित्रों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय 01 अगस्त 2017 से दिया जायेगा।
मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में शासन द्वारा ऐसे शिक्षा मित्र जो शिक्षक पद पर समायोजित किये गये थे, उन्हें 01 अगस्त, 2017 से शिक्षामित्र के पद पर प्रत्यावर्तित माना जायेगा। इसके साथ ही उन्हें यह विकल्प होगा कि वे अपने वर्तमान विद्यालय अथवा मूल तैनाती के विद्यालय में कार्यभार ग्रहण करें।
मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के क्रम में राज्य सरकार ने शिक्षामित्रों की भावनाओं का आदर करते हुए ‘‘उ0प्र0 बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली-1981’’ में संशोधन कर सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन प्रकाशित कराये जाने का निर्णय लिया है। यह संशोधन शैक्षिक योग्यता एवं गुणांक निर्धारण में किया जाएगा। ‘‘उ0प्र0 बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली-1981’’ में शैक्षिक गुणांक के आधार पर चयन हेतु वर्तमान में विद्यमान प्राविधान एवं प्रस्तावित संशोधन प्रस्तावित है।
शैक्षिक गुणांक के आधार
क्र.सं. | परीक्षा | वर्तमान | प्रस्तावित |
1 | हाईस्कूल | 10 प्रतिशत | 10 प्रतिशत |
2 | इण्टरमीडिएट | 20 प्रतिशत | 20 प्रतिशत |
3 | स्नातक | 40 प्रतिशत | 40 प्रतिशत |
4 | बी0टी0सी0 प्रशिक्षण | प्रथम श्रेणी-12 अंक (सैद्धान्तिक) | |
प्रथम श्रेणी-12 अंक (प्रयोगात्मक), | |||
द्वितीय श्रेणी-06 अंक (सैद्धान्तिक), | |||
द्वितीय श्रेणी-06 अंक (प्रयोगात्मक) | |||
तृतीय श्रेणी-03 अंक (सैद्धान्तिक) | |||
तृतीय श्रेणी-03 अंक | |||
(प्रयोगात्मक) | प्रथम श्रेणी-12 अंक (सैद्धान्तिक) | ||
प्रथम श्रेणी-12 अंक (प्रयोगात्मक), | |||
द्वितीय श्रेणी-06 अंक (सैद्धान्तिक), | |||
द्वितीय श्रेणी-06 अंक (प्रयोगात्मक) | |||
तृतीय श्रेणी-03 अंक (सैद्धान्तिक) | |||
तृतीय श्रेणी-03 अंक | |||
(प्रयोगात्मक) | |||
5 | परिषदीय विद्यालय में शिक्षामित्र के रूप में कार्य करने का अनुभव | शिक्षामित्र के रूप में कार्य करने हेतु उन्हें प्रत्येक पूर्ण सेवा वर्ष के लिये 2.5 अंक प्रतिवर्ष किन्तु अधिकतम 25 भारांक |
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