नई दिल्ली: गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज यहां द्वीप विकास एजेंसी (आईडीए) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। आईडीए ने 9 द्वीपों के समग्र विकास के लिए विस्तृत मास्टर प्लान और विकास योजनाओं की अवधारणा की समीक्षा की। इन 9 द्पीपों में चार, ए और एन द्वीपसमूह स्मिथ, रॉस, लांग, एविस तथा पांच लक्षद्वीप यानी मिनिकॉय, बंगारम, थिन्नकारा, चेरयम, सुहेली शामिल हैं। नीति आयोग द्वारा संचालित परियोजना का उद्देश्य इन द्वीपों की सामुद्रिक अर्थव्यवस्था के विकास को प्रोत्साहन देना है।
श्री राजनाथ सिंह ने 24 जुलाई, 2017 को आयोजित अपनी पिछली बैठक के बाद हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि उस बैठक में पानी और बिजली के साथ बुनियादी सुविधाओं और संपर्कता परियोजनाओं के विषय में निर्देश दिये गये थे। परियोजना द्वीपों में पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों को स्पष्ट रूप से दिखाया गया है, जिनमें द्वीपों की जैव-विविधता की जानकारी भी दी गयी है। इन क्षेत्रों की संपर्कता बढ़ाने का सुझाव भी दिया गया है। इस दृष्टि से उत्तरी अंडमान और निकोबार द्पीव समूहों में डिगलीपुर के निकट शिबपुर स्थित नौसेना वायु स्टेशन को संयुक्त उपयोग हवाई अड्डे के रूप में परिवर्तित करने का निर्णय किया गया है।
बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि पर्यटन क्षमता को बढ़ाने के लिए मिनीकॉय द्वीप में पीपीपी पैकेज विकसीत किया जाये, जिसमें संयुक्त उपयोग हवाई अड्डा भी शामिल हो। श्री राजनाथ सिंह ने निर्देश दिया कि द्वीपों में चलने वाली प्रमुख ढांचागत परियोजनाओं में तेजी लाई जाये तथा स्थानीय हितधारकों के साथ सलाह करके समुदाय आधारित पर्यटन का विकास किया जाये।
बैठक में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उप राज्यपाल और पूर्व नौसेना प्रमुख (आईडीए के उपाध्यक्ष), एडमिरल डीके जोशी, कैबिनेट सचिव श्री पी के सिन्हा, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत, केंद्रीय गृह सचिव श्री राजीव गाबा, तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, दूरसंचार मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल थे।