नई दिल्ली: “डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सभी स्तरों पर प्रतिबद्धताआवश्यक है। हम एक साथ आगे आकर अपने समुदाय को डेंगू केस प्रभाव से बचा सकते हैं।” केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने ये बातें आज यहां राष्ट्रीय डेंगू दिवस के दिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली तथा राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग में सचिव डॉ सौम्या स्वामीनाथन, स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ जगदीश प्रसाद तथा डब्ल्यूएचओ-एसईएआरओ में संक्रामक रोग निदेशक डॉ स्वरूप सरकार भी उपस्थित थे।
भारत को स्वच्छ बनाने के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता दोहराते हुए, श्री नड्डा ने कहा कि इस समस्या से निजात पाने के लिए कई कदम/योजनाएं उठाये गये हैं, लेकिन हमारा मुख्य काम वेक्टर को खुद नियंत्रित करने पर होना चाहिए।इसके लिए स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय डेंगू दिवस इसके रोकथाम और नियंत्रण के बारे में जागरूकता फैलाने का एक अवसर है। श्री नड्डा ने कहा, “यह हम सभी और हमारे समाज की ज़िम्मेदारी है कि हम डेंगू की नस्ल के लिए एक वातावरण नहीं बनाते हैं।”
इस अवसर पर बोलते हुए श्री नड्डा ने कहा कि ‘डेंगू मुक्त भारत’ एक दृष्टि है जो कि भारत में डेंगू से जुड़ी रोगग्रस्तता और मृत्यु दर को रोकने के लिए समाज की सक्षम भागीदारी से पूरा किया जा सकता है। श्री नड्डा ने विस्तार से बताते हुए कहा कि समाज का सही दिशा में किया गया प्रयास देश में इस बीमारी के बोझ को कम कर सकता है। परिवेश को स्वच्छ और एडीज मच्छरों से मुक्त रखने के लिए सरल उपाय किए जा सकते हैं। डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम की सफलता समाज की सक्षम भागीदारी और स्वामित्व से संबंधित है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री नवदीप रिनवा और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण, डॉक्टर, एम्स नई दिल्ली के छात्र तथा कई आरडब्ल्यू के प्रतिनिधि, एमसीडी के कर्मी तथा कई एनजीओ तथा सीएसओ के सदस्य भी उपस्थित थे।
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